बाेकारो, हिंदी भारत की पहचान है. यह हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति व संस्कारों को दर्शाती है. हिंदी दुनिया भर में बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है. यह भारत के बाहर भी कई देशों में बोली जाती है. इसपर गर्व होना चाहिए. यह कलात्मक अभिव्यक्ति की भाषा है. ये बातें चिन्मय विद्यालय के प्राचार्य सूरज शर्मा ने कही. चिन्मय विद्यालय बोकारो में बुधवार को ओएनजीसी के तत्वावधान में राजभाषा पखवाड़ा-2024 के तहत निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. निबंध का विषय ””राजभाषा से विश्वभाषा की ओर अग्रसर हिंदी”” था. कक्षा नौवीं व दसवीं के कुल 100 विद्यार्थियों प्रतियोिगता में भाग लिया. पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्य अतिथि ओएनजीसी बोकारो से एल तिग्गा महाप्रबंधक व दीपक कुमार सिंह, प्रबंधन सुरक्षा ने सभी विद्यार्थियों को हिंदी का महत्व बताते हुए हिंदी के प्रति प्रोत्साहित किया. कहा कि हिंदी का महत्व बढ़ा है. समारोह में आठ बाल निबंधकारों को अतिथि एल तिग्गा व प्राचार्य सूरज शर्मा ने उपहार देकर सम्मानित किया. कार्यक्रम में उप प्राचार्य नरमेंद्र कुमार, शैक्षिक पर्यवेक्षक गोपाल चंद्र मुंशी, हिंदी विभाग से विभागाध्यक्ष पूजा सिंह व हिंदी शिक्षक भिनव वर्मन उपस्थित थे.
अंतर महाविद्यालय गायन प्रतियोगिता में साक्षी को प्रथम स्थान
बोकारो, राइटर क्लब, दार्जिलिंग की ओर से दार्जिलिंग गवर्नमेंट काॅलेज में आयोजित अंतर महाविद्यालय गायन प्रतियोगिता में बोकारो की साक्षी रंजन ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है. साक्षी वर्तमान में साउथफील्ड कॉलेज, दार्जिलिंग में स्नातक अंग्रेजी ऑनर्स प्रथम वर्ष की छात्रा हैं. साक्षी वरिष्ठ शास्त्रीय गायक पंडित राणा झा की शिष्या और तबलावादक डॉ राकेश रंजन की पुत्री हैं. 21 सितंबर को दार्जिलिंग में प्रतियोगिता हुई थी. कॉलेज की प्राचार्या प्रो (डॉ) अनुराधा राय, विभागाध्यक्ष (अंग्रेजी) प्रो (डॉ) मंदिका सिंहा व प्रो (डॉ) इवाना ने साक्षी को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं व्यक्त कीं. साक्षी की इस उपलब्धि पर उनके संगीत गुरु पं राणा झा ने भी बधाई दी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है