चाईबासा/राजनगर.
चलियामा में रूंगटा माइंस के स्टील प्लांट में करीब एक माह से झारखंड कामगार यूनियन की ओर से बार-बार हड़ताल की जा रही है. इसे लेकर चलियामा सहित आसपास के ग्राम प्रधान, रजिस्टर्ड कांट्रेक्टर, जमीन दाताओं व संवेदकों ने रोष जताया है. इस संबंध में बुधवार को प्रेसवार्ता कर यूनियन के सदस्यों का विरोध किया है. कहा, आये दिन किसी न किसी नेता या यूनियन द्वारा बंद बुलाया जा रहा है. इससे काम करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अभी दो दिन की फिर बंदी रखी गयी है. उन्होंने सरायकेला- खरसावां के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक व अनुमंडल पदाधिकारी से ऐसे लोगों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने की मांग भी की है. उन्होंने बताया कि यहां करीब दर्जन भर से ज्यादा सप्लाई कांट्रैक्टर हैं. वे लोग हड़ताल कर सड़क जाम कर देते हैं, जिससे लोगों को आने-जाने भी नहीं देते हैं. जमीन देने वाले ग्रामीणों ने कहा कि वे रूंगटा कंपनी से खुश हैं. उन्हें कंपनी द्वारा सहयोग भी किया जाता है. कंपनी सरकार से तय दर पर मजदूरी भी देती है. यदि वे लोग कामगारों के काम में जबरदस्ती बाधा डालते हैं, तो आराहासा, मेढकी, कुजू और बांकसाई के ग्रामीण विरोध करेंगे.प्रेस वार्ता में ये थे उपस्थित:
अविनाश प्रधान, सुकेश गिरि, जगदीश कैवर्त, सुशील कुमार जारिका, जोगेंद्र नायक, विनय कुमार सिंहदेव, हिमांशु प्रधान, सुजीत कुमार नायक, अमन लोहर, अश्विनी गिरि, मंगल कुदादा आदि.क्या कहते हैं लोग
रूंगटा माइंस चलियामा में कुछ लोग बार-बार आंदोलन करते हैं. निजी स्वार्थ के लिए बाहर से झारखंड कामगार यूनियन बताकर आंदोलन करते हैं. आंदोलन के दौरान आने-जाने व कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों को कंपनी घुसने में दिक्कत होती है. -सुजीत नायक, ग्राम प्रधान
कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी को अन्य कंपनी की तरह बोनस भी दिया, जिससे कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी भी खुश हैं. लेकिन बाहर के लोग निजी स्वार्थ के लिए आंदोलन करने लगते हैं. -हेमांशु प्रधान, कुजू सह कंपनी कांट्रैक्टरकंपनी चलने के कारण स्थानीय युवाओं को रोजगार मिल रहा है. आंदोलन से कहीं गुवा, कांड्रा ग्लास फैक्ट्री, झींकपानी सीमेंट प्लांट की तरह बंद न हो जाये. प्रशासन से बाहर से आये बंद समर्थकों व कंपनी के कर्मचारी के बीच टकराव की स्थिति रोके. -विनय कुमार सिंहदेव, कंपनी के संवेदक
रुंगटा माइंस चलियामा के कर्मचारियों को बाहर से आये लोगों द्वारा काम को बाधा पहुंचाने के लिए जगह-जगह पर रोक दिया जाता है व लौटा दिया जाता है. कर्मचारियों को प्लांट में जाने में दिक्कत होती है. -अमन लोहार, कंपनी कांट्रैक्टरडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है