कोलकाता. आज के युग में अच्छी किताबें या साहित्य पढ़ने की आदत छूटती जा रही है. नयी पीढ़ी मोबाइल गेम्स की आदी हो चुकी है. सोशल मीडिया के प्रभुत्व के कारण वर्तमान में पुस्तकालय खाली पड़े हैं और किताबों को पढ़ने की रुचि खत्म होती जा रही है. यह बहुत चिंता का विषय है, क्योंकि पुस्तकें हमारी मानव सभ्यता की रक्षा कवच हैं. पुस्तकों व ग्रंथों में मानव सभ्यता के रहस्य हैं, लेकिन किताबों से लोग कटते जा रहे हैं. किताबों से लोगों को जोड़ने के लिए एक विशेष डिजाइन से तैयार किया जा रहा है, मास्टर दा स्मृति संघ का पूजा पंडाल. इस पंडाल को इस तरह से तैयार किया जा रहा है, जहां लोग बैठकर किताबें पढ़ सकते हैं और अपने पुराने दिनों को याद कर सकते हैं.
मानव सभ्यता की रक्षा करने के संदेश के साथ पुस्तकों के प्रति रुचि जागृत करने के लिए यह पूजा पंडाल लोगों को प्रेरति करेगा. मास्टर दा स्मृति संघ पूजा पंडाल कमेटी के अमित चौधरी के मुताबिक इस पंडाल में कई किताबें रखी जायेंगी, जो मानव सभ्यता की रक्षक के रूप में लोगों को किताबों से जोड़ने का संदेश देंगी. यह अपने तरह का एक अलग पंडाल होगा. बागुईहाटी स्थित इस पूजा कमेटी की यह 72वीं पूजा है. हर साल यहां अलग-अलग थीम पर पंडाल बनाया जाता है. इस बार का पूजा पंडाल पुस्तकें पढ़ने के लिए प्रेरित करेगा. मंडप में मधुमक्खी के छत्ते के रूप में एक विशाल मानवीय चेहरा भी दिखाई देगा और यहां ज्ञान का खजाना दिखाया जायेगा. पंडाल में कलाकार मानस राय ने अपनी कला का प्रदर्शन किया है.
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