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राख और मिट्टी से बना पुल दे रहा खतरे को आमंत्रण

दो सप्ताह पूर्व लगातार भारी बारिश के कारण इस पुल का राख और उसकी मिट्टी बह गयी है.

जामुड़िया . राख और मिट्टी देकर बनाया गया अस्थायी जर्जर पुल सड़क हादसों को आमंत्रित कर रहा है. राख और मिट्टी से 2022 में आये चक्रवात के समय यह पुल बनाया गया था. जामुड़िया बोरो एक अंतर्गत वार्ड संख्या-11 के पत्थर डांगा श्मशानघाट के पास यह पुल बनाया गया था. पुल से होकर श्रीपुर, पत्थर डांगा, केंदुलिया मोड़ होते हुए चांदा जाया जाता है. उल्लेखनीय है कि 2022 के चक्रवात में यहां बना पुल टुट गया था, जिसके कारण इस रास्ते से होकर गुजरने वाले सभी वाहनों का परिचालन कुछ दिनों के लिए संपूर्ण रूप से बंद हो गया था. लोगों की परेशानी को देखकर सप्ताह बाद टूटे उस पुल को स्थानीय कारखानों से निकली राख और मिट्टी से भरकर बनाया गया था. दो सप्ताह पूर्व लगातार भारी बारिश के कारण इस पुल का राख और उसकी मिट्टी बह गयी है. जिसके कारण पुल का एक हिस्सा खराब होने के कारण पुनः एक सप्ताह तक उस रास्ते पर सभी वाहनों का आवागमन बंद है, लेकिन पुनः एक बार कारखाने की राख व मिट्टी से अस्थायी पुल बनाने का कार्य चल रहा है. लेकिन फिर दो दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण इस आधे-अधूरे पुल की स्थिति नाजुक बनी हुई है. जिसके कारण कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. इस बारे में स्थानीय श्रीपुर ग्रामवासी भाजपा नेता अनिरुद्ध पासवान ने कहा कि बीते तीन साल पूर्व आये चक्रवात में यह पुल पुरी तरह से टूट गया था. जिसके कारण श्रीपुर से केंदुलिया मोड़ होते हुए चांदा को जाने वाले सभी वाहनों का परिचालन कई दिनों तक बंद था. लोगों को श्रीपुर होते हुए घूमकर चांदा जाना पड़ता था. इस पुल को बनाने के लिए लोगों ने आंदोलन भी किया. उस समय सत्ताधारी पार्टी के लोगों ने कहा था कि इस पुल को पहले की तरह अच्छे से बनाया जायेगा. लेकिन इन लोगो के आपसी मतभेद के कारण यह पुल नहीं बना. अभी दो सप्ताह पूर्व भारी बारिश के कारण इस पुल की स्थिति जर्जर हो गयी. जिसके कारण कुछ दिनों से बड़े वाहनों का परिचालन बंद हो गया. किसी तरह केवल साइकिल ओर मोटर साइकिल का परिचालन चालू था. अभी फिर उसी तरह से बारिश शुरू हो गयी है अगर इस पुल को पहले की तरह पक्का नही बनाया गया तो इसका खमियाजा लोगों को भुगतना पड़ेगा. इस बारे में स्थानीय माकपा नेता विजय पासवान ने कहा कि जब पहली बार यह पुल टूटा था तब लोगों ने पुल निर्माण के लिए आंदोलन किया था. उस वक्त प्रशासन ने कहा था कि पुल के लिए राशि मंजूर हो गयी है. लेकिन अभी अधिक बरसात होने के कारण उसका निर्माण कार्य नहीं हो सकता है. इस रास्ते से होकर गुजरने वाले लोगों को राख और मिट्टी के भरोसे छोड़ दिया गया था. लेकिन फिर से बारिश होने के कारण इस पुल की स्थिति जर्जर हो चुकी है. कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. वार्ड के पार्षद डाक्टर आरिफ अली ने कहा कि जिस उम्मीद से हमें यहां के जनता ने जीत दिलाई है उनके लिए हमारा कर्तव्य बनता है कि उनके साथ हमेशा रहें. इसके लिए इस पुल के निर्माण के लिए वर्षों पूर्व टेंडर जारी किया गया था. यह एक बार नहीं तीन बार किया गया. अब चौथी बार टेंडर जारी किया गया है. इंजीनियर भी निरीक्षण करके गये हैं. किसी कारणवश यह टेंडर पास नही हो पा रहा है. जल्द ही पुल के निर्माण की कोशिशें की जा रही हैं.

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