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सांप काटे व्यक्ति को रुपये लेने के बाद पुलिस ने छोड़ा, इलाज में विलंब से हुई मौत

सांप के काटने के बाद जब उसका नींद टूटी और देखा कि उसे सांप ने काट लिया है, तो वह दौड़कर इलाज के लिए खेत से अपने गांव निमियाटांड़ जाने लगा. इसी क्रम में नहर पर 112 की पुलिस ने उसे भागते हुए देखकर पकड़ लिया,

चैनपुर. कैमूर पुलिस का हैरान कर देने वाला कारनामा सामने आया है. बुधवार की रात चैनपुर थाना क्षेत्र के निमियाटांड़ गांव का राम लखन बिंद जब अपने खेत पर सोया था, तो रात के अंधेरे में उसके कान में किसी जहरीले सांप ने काट लिया. सांप के काटने के बाद जब उसका नींद टूटी और देखा कि उसे सांप ने काट लिया है, तो वह दौड़कर इलाज के लिए खेत से अपने गांव निमियाटांड़ जाने लगा. इसी क्रम में नहर पर 112 की पुलिस ने उसे भागते हुए देखकर पकड़ लिया, उसके द्वारा पुलिस को यह बताया गया कि उसे सांप ने काट लिया है. इलाज के लिए वह दौड़कर अपने गांव निमियाटाड़ जा रहा है. लेकिन, पुलिस ने उसकी एक न सुनी और यह करती रही कि तुमने शराब पी है, इसीलिए पुलिस को देखकर तुम भाग रहे हो. राम लखन बार-बार कहता रहा कि वह शराब नहीं पी है, उसे सांप ने काट लिया है, उसे जल्दी छोड़ दें, ताकि वह इलाज कर ले. लेकिन, पुलिस द्वारा नहीं छोड़ा गया. छोड़ने के लिए पुलिस उससे 2000 रुपये की मांग कर रही थी. आखिरकार राम लखन अपने भाई को सूचित कर पुलिस के पास बुलाया और दो घंटे बाद घर से 700 रुपये लाकर जब पुलिस को दिया गया, तब पुलिस द्वारा राम लखन को हिरासत से छोड़ा गया. राम लखन का भाई व अन्य परिजन पहले तो उसे झाड़-फूंक करने के लिए ले गये और उसके बाद सुबह पांच बजे भभुआ सदर अस्पताल ले आये, जहां पर राम लखन को मृत घोषित कर दिया गया. इसके बाद राम लखन का भाई दुखंदर बिंद राम लखन की मौत के लिए पुलिस को जिम्मेदार बताते हुए यह आरोप लगाया कि राम लखन की मौत पुलिस द्वारा पैसे के लिए दो घंटे तक पकड़ कर रखे जाने के कारण हुई है. अगर पुलिस द्वारा उसे तत्काल छोड़ दिया गया होता, तो उसका समय से इलाज कर दिया जाता और उसकी जान बचायी जा सकती थी. लेकिन, 112 की पुलिस पैसे के लिए सांप काटे होने के बावजूद उसे दो घंटे तक नहीं छोड़ा और जब हम 700 रुपये घर से ले जाकर दिये, तब छोड़ा. तब तक देर हो चुका था, उसका समय से इलाज नहीं शुरू हो सका और जब तक हम उसे सदर अस्पताल लेकर पहुंचते तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. राम लखन की मौत के लिए पुलिस पूरी तरह से जिम्मेदार है. – खेत पटाने के लिए तालाब पर सोया था राम लखन मिली जानकारी के अनुसार, राम लखन बिंद बुधवार की रात में गांव के दक्षिण पहाड़ी के पास खेत में पानी लगाने गया था और वहीं स्थित तालाब पर सोया था. रात के 10 बजे के करीब उसके कान के पीछे जहरीले सांप ने काट लिया. जब उसे सांप के काटने की बात पता चली, तो वह इलाज के लिए गांव की तरफ दौड़ पड़ा. वह तेजी के साथ गांव की तरफ जा रहा था, तभी वहां से भगवानपुर थाने की गश्ती गाड़ी पहुंची और तेजी से गांव की तरफ जा रहे राम लखन बिंद को भगवानपुर पुलिस ने चैनपुर थाना क्षेत्र में घुसपैठ कर पकड़ लिया और उससे पूछताछ करने लगे. राम लखन द्वारा बार-बार कहा गया उसके कान के पीछे जहरीले सांप ने काट लिया है और वह इलाज के लिए जा रहा है, लेकिन पूरी तरह संवेदनहीन हो चुकी भगवानपुर थाने की पुलिस ने पैसे के लालच में उसे इलाज के लिए नहीं जाने दी. परिजनों का कहना है कि पैसे के लिए पुलिस दो घंटे तक राम लखन बिंद को इलाज के लिए नहीं जाने दिया. परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि गाड़ी में बैठे पुलिस के जवान पैसे की डिमांड कर रहे थे, पैसा नहीं देने पर जेल भेजने की बात उनके द्वारा कही जा रही थी. परिजनों द्वारा पुलिस से डर कर और राम लखन बिंद की जल्द से जल्द इलाज करने के लिए पुलिस को पैसा देकर राम लखन को इलाज के लिए ले गये, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. # पुलिस के रुपये लेने की चारों तरफ हो रही चर्चा भगवानपुर पुलिस द्वारा रुपये के लिए किये गये इस कृत्य की चर्चा चारों तरफ हो रही है. लोगों का कहना है कि पुलिस लोगों की मदद के लिए होनी चाहिए, ना कि लोगों को परेशान करने के लिए. मृतक राम लखन बिंद के भाई जोगिंदर बिंद ने बताया कि उनका भाई पुलिस को बार-बार बता रहा था कि उसके कान के पीछे सांप काटा हुआ है और वह इलाज के लिए भाग जा रहा है, ताकि उसका समय पर इलाज हो सके. लेकिन पुलिस उसे छोड़ने को तैयार नहीं हुई. जोगिंदर बिंद ने बताया कि जब पुलिस द्वारा उसके भाई को नहीं छोड़ा जा रहा था, तब वह घर से 700 रुपये लेकर आया और पुलिस को दिये, तब पुलिस ने उसके भाई को छोड़ा. इसके बाद वे लोग उसका इलाज करने के लिए अस्पताल ले गये, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. मृतक के भाई ने बताया कि यदि पुलिस दो घंटे पैसे के चक्कर में देर ना करती, तो उसके भाई को बचाया जा सकता था. लेकिन पुलिस के कारण है उसके भाई की जान गयी है. # समय पर होता इलाज, तो बच सकती थी जान- राम लखन बिना की मौत के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. मृतक की पत्नी पति के शव से लिपटकर रोते-रोते बार-बार बेहोश हो रही थी. उसे देख वहां समझाने के लिए आसपास की जुटी महिलाओं की भी आंखें छलक उठी. परिजनों का कहना था कि यदि पुलिस पैसे को लेकर दो घंटे तक परेशान ना की होती, तो राम लखन बिंद को समय से अस्पताल ले गये होते तो उसकी जान बच सकती थी. परिजनों ने बताया कि इस पुलिस की इस लापरवाही और मनमाना पूर्ण रवैया के कारण तीन लड़कियों के फिर से पिता का साया उठ गया. परिजनों का कहना था कि चैनपुर थाना क्षेत्र में आकर भगवानपुर थाने की पुलिस के द्वारा यह कार्य किया गया है, उनकी पहचान ना हो इसलिए अंधेरा में लाइट जलाने से भी पुलिस वालों ने मना कर दिया था. भगवानपुर थाने की पुलिस द्वारा किये गये इस कृत्य की हर तरफ निंदा हो रही है, लेकिन देखना यह है कि इससे संबंधित पुलिसकर्मियों पर कब और कितनी कार्रवाई होती है. बोले एसपी– उक्त मामले में जब एसपी ललित मोहन शर्मा से पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि उक्त घटना की जानकारी पूर्व मंत्री ब्रिज किशोर बिंद द्वारा हमें दी गयी है. हमने जब जानकारी ली तो बताया गया कि उसे गश्त करने वाली 112 की पुलिस द्वारा शराब पीये होने की आशंका में पकड़ा गया था. 112 की गाड़ी पर एक जवान और एक ड्राइवर था. उन लोगों द्वारा पैसे लिये जाने के आप से इनकार किया गया है. उन्होंने बताया कि जब उन्होंने पकड़ा और उक्त व्यक्ति द्वारा सांप कटे होने की शिकायत की गयी, तो उन्होंने उसे घर तक पहुंचाया है. पैसे लेकर छोड़े जाने की बात उन्होंने गलत बताया है. = एसडीपीओ को मामले की जांच का निर्देश एसपी ललित मोहन शर्मा ने बताया कि उक्त मामले की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच करने के लिए भभुआ के एसडीपीओ शिव शंकर कुमार को दिया गया है. उन्हें निर्देश दिया गया है कि वह तत्काल जांच कर अपनी रिपोर्ट दें, अगर जांच रिपोर्ट में उक्त दोनों पुलिस के जवान दोषी पाये जाते हैं, तो उनके ऊपर निलंबन सहित अन्य नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी.

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