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Chhapra News : वेबसाइट पर अंकपत्र की त्रुटियां सुधार कर जारी की जा रही लिस्ट

Chhapra News : स्नातक सत्र 2020-23 पार्ट टू परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों के अंक पत्र में भारी गड़बड़ी हुई थी. इसके बाद अंक पत्र की त्रुटियों में सुधार के लिए कॉलेज स्तर पर आवेदन लिया गया था.

छपरा. स्नातक सत्र 2020-23 पार्ट टू परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों के अंक पत्र में भारी गड़बड़ी हुई थी. इसके बाद अंक पत्र की त्रुटियों में सुधार के लिए कॉलेज स्तर पर आवेदन लिया गया था. अब इन आवेदनों का निबटारा किया जा रहा है. बीते तीन-चार दिनों में करीब 23 कॉलेज से आये आवेदनों के आधार पर अंकपत्र की त्रुटियों में सुधार कर लिया गया है. वहीं जिन छात्रों के अंक पत्र की त्रुटियों में सुधार हुआ है. उसकी सूची भी वेबसाइट पर डाल दी गयी है. वहीं कॉलेज के प्राचार्यों को निर्देश दिया गया है कि कॉलेज से किसी भी कर्मी को भेज कर अविलंब सुधार किये हुए अंक पत्र की कॉपी मंगा लें और संबंधित छात्रों को वितरण कर दिया जाये. हालांकि अभी भी आठ हजार से अधिक अंक पत्रों में सुधार करना बाकी है. छात्रों ने एक साथ आवेदन नहीं दिया है. ऐसी स्थिति में जैसे-जैसे आवेदन आ रहा है वैसे ही विश्वविद्यालय को कॉलेज द्वारा भेज दिया जा रहा है. विदित हो कि स्नातक सत्र 2020-23 फाइनल इयर की परीक्षा में करीब 18 हजार छात्र-छात्राओं को सम्मिलित होना है. इसके लिए पूर्व में फॉर्म भरने की तिथि जारी की गयी थी. लेकिन फॉर्म भरने की तिथि जारी करने से पहले कॉलेजों में पार्ट टू का जो अंक पत्र भेजा गया. उसमें काफी गड़बड़ी थी. 15 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं के अंक पत्र में त्रुटि होने के कारण उन्हें फॉर्म भरने में परेशानी हो रही थी. जिसको लेकर छात्र-छात्राएं लगातार विश्वविद्यालय में हंगामा भी कर रहे थे. कुलपति ने परीक्षा विभाग को अविलंब अंक पत्र में हुई गड़बड़ी को सुधार का निर्देश दिया है और कहा है कि जब तक सभी छात्र-छात्राओं का अंक पत्र सुधार नहीं लिया जाता है. तब तक फॉर्म भरने की नयी तिथि जारी नहीं की जायेगी. छात्र संगठनों ने कहा धीमी है सुधार की रफ्तार : छात्र संगठनों द्वारा लगातार यह आरोप लगाया जा रहा है कि विश्वविद्यालय में पेंडिंग कामकाज के निबटारे की रफ्तार काफी धीमी है. शोध छात्र संगठन आरएसए के विश्वविद्यालय संयोजक उज्जवल कुमार सिंह ने कहा है कि अंक पत्र में हुई त्रुटियों के सुधार प्रक्रिया की रफ्तार बहुत धीमी है. विश्वविद्यालय के जिस सेल में सुधार की प्रक्रिया चल रही है. उसमें कर्मियों का अभाव है. कभी प्रिंटर खराब हो जा रहा है. तो कभी तकनीकी रूप से दिक्कत आ रही है. जिस कारण सुधार समय पर नहीं हो पा रहा है. ऐसे में स्नातक का सत्र काफी पिछड़ रहा है. स्नातक सत्र 2020-23 पहले ही डेढ़ साल पीछे चल रहा है. वहीं अब परीक्षा में देरी होने के कारण यह सत्र और अधिक पीछे चला जायेगा.

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