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गंगा का जल स्तर कम होते ही घर लौट रहे बाढ़ पीड़ित

दुर्गंध से जीना मुश्किल

बरियारपुर. गंगा के जल स्तर में आयी कमी के बाद अब बाढ़ पीड़ितों को दुर्गंध से परेशानी हो रही है. महामारी की चिंता सताने लगी है. जैसे-जैसे पानी घट रहा है लोग वैसे-वैसे अपने घर की ओर लौट रहे हैं. लेकिन गांव की गलियों एवं गड्ढों में जलजमाव से परेशान हैं. यूं कहें कि बाढ़ पीड़ितों की जिंदगी बीच दरिया में फंस गयी है.

कीड़े-मकोड़े के साथ ही मच्छरों का काफी बढ़ गया है प्रकोप

बाढ़ का प्रकोप बरियारपुर के लगभग इलाकों में है. अब जब गंगा के जल स्तर में कमी आ रही है तो लोग अपने घर को लौटने लगे हैं. लेकिन जलजमाव व पानी की सड़ांध व बदबू से लोग परेशान हो रहे हैं. पानी भी दूषित हो गयी है. कीड़े-मकोड़े के साथ ही मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ गया है. इस बार की बाढ़ में प्रशासनिक स्तर पर कहीं भी शौचालय नहीं बनाया गया. इस कारण लोग जहां-तहां खुले में शौच कर रहे हैं. खासकर महिलाओं की अधिक परेशानी हो रही है. स्वास्थ्य विभाग ने भी अबतक ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव नहीं कराया है. इससे महामारी फैलने की आशंका प्रबल हो गयी है. बाढ़ की हालात ऐसी है कि लोगों के घर का चूल्हा जलना तो दूर घर में रहना तक मुश्किल है. बरियारपुर प्रखंड के लगभग 11 पंचायतों के गांव-गलियों का यही हाल है.

भारी वाहन गुजरने पर सड़क ध्वस्त होकर गिरने की आशंका

बरियारपुर प्रखंड में राष्ट्रीय उच्च पथ 80 के चौड़ीकरण कार्य में बाढ़ ने खलल उत्पन्न कर दी है. ब्रह्मस्थान के समीप चौड़ीकरण के लिए डाली गयी मिट्टी को बाढ़ का पानी बहा ले गया. इस कारण सड़क नीचे से खोखली हो गयी है. अगर कोई भार युक्त वाहन सड़क किनारे होकर गुजरता है तो सड़क ध्वस्त होकर गिर सकती है. सड़क निर्माण के साथ नाले के लिए खोदे गये गड्ढे में भी बाढ़ का पानी है. संवेदक ने भी यह ध्यान नहीं दिया कि बरियारपुर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है. संवेदक का सड़क निर्माण प्लांट जो घोरघट क्षेत्र में बनाया गया है वह भी पूर्ण रूप से बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है.

चार पंचायत के दर्जन भर गांवों में अभी भी फैला है बाढ़ का पानी

हवेली खड़गपुर. गंगा का जल स्तर अब धीरे-धीरे घटने लगा है. लेकिन प्रखंड के चार पंचायत के दर्जन भर गांवों से बाढ़ का पानी अभी नहीं निकला है. प्रभावित गांवों की सड़क और घरों में अब भी पानी भरा हुआ है. ऐसे में बाढ़ पीड़ितों की समस्या को देखते हुए समाजसेवी मदद के लिए आगे आने लगे हैं. कहीं राहत सामग्री बांटे गयी तो कहीं सामुदायिक किचन के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराया गया.

सड़कों पर पीड़ितों का है आशियाना

बाढ़ से सबसे बुरा हाल तेलियाडीह पंचायत के कृष्णा नगर, बिलिया, नाकी पंचायत के जागीर, लक्ष्मीपुर. बहिरा पंचायत का भदौरा, निचली गालिमपुर और अग्रहण पंचायत के सठबिग्घी, लक्ष्मण टोला, कुराबा, मंझगाय, मंझगायडीह का है. कृष्णानगर के अधिकांश परिवारों के आशियाने बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं और प्रभावित परिवार अपने मवेशियों के साथ सड़कों को अपना आशियाना बना लिया है. यही हाल सठबिग्घी लक्ष्मण टोला और कुराबा के प्रभावित परिवारों का भी है जो शामपुर थाना के समीप बगीचा में शरण लिये हुए हैं. इधर बाढ़ का पानी थोड़ा नीचे खिसका जरूर है. लेकिन अब भी गांवों का अधिकांश हिस्सा जलमग्न है. ऐसी स्थिति में प्रभावित परिवारों के घरों में रखा भोजन सामग्री बर्बाद हो गया है.

बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए समाजसेवियों ने बांटा सूखा राशन

बाढ़ पीड़ितों की दुर्दशा देख सामाजिक संगठन और समाजसेवी पीड़ितों को राहत पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं. प्रखंड प्रमुख सीमा देवी और उनके पति अमित कुमार सिंह ने भदौरा गांव में प्रभावित परिवारों के बीच सूखा राशन में चूड़ा, मूढ़ी, मिक्सचर बांटे. वहीं सहरसा जिला भाजपा प्रभारी प्रीतम सिंह के सहयोग से भदौरा के समाजसेवी लक्ष्मण कुमार सिंह, सूरज, मणिकांत, समीर, लड्डू राज, मदन, राकेश रौशन ने बारिश में भींग-भींग कर और बाढ़ के पानी में प्रवेश कर प्रभावित परिवारों के दरवाजे पर पहुंचकर चूड़ा, मूढ़ी, बिस्किट, चनाचूर, कुरकुरे, चिप्स के पैकेट बांटे. जिन घरों तक पहुंचने के रास्ते में गहरा पानी भरा हुआ है. उन तक छतों के माध्यम से खाने पीने की सामग्री पहुंचायी जा रही है.

पंचायत भवन बागेश्वरी में सामुदायिक किचन संचालित

अग्रहण पंचायत के बाढ़ पीड़ितों के लिए मुखिया जया किशोरी देवी ने बुधवार की देर शाम खिचड़ी का वितरण किया. वहीं जनप्रतिनिधियों ने सामुदायिक किचन के माध्यम से भी बाढ़ पीड़ितों की सेवा की. मुखिया ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को सिर्फ पॉलीथिन शीट उपलब्ध करायी गयी है और कुछ जगहों पर प्रशासनिक स्तर पर सूखा राशन बांटा गया है. इससे बाढ़ पीड़ितों का पेट नहीं भरेगा. इसे देखते हुए सामुदायिक किचन के माध्यम से खिचड़ी का वितरण किया गया. मौके पर एसडीओ राजीव रौशन, सीओ संतोष कुमार सिंह ने खिचड़ी बनाने में सहयोग किया और बाढ़ पीड़ितों के साथ बैठकर भोजन ग्रहण किया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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