सदर अस्पताल में अगले माह से डेंगू, चिकनगुनिया, जापानी इंसेफेलाइटिस, मंकी पॉक्स समेत विभिन्न गंभीर वायरल बीमारियों से संबंधित जांच की सुविधा मरीजों को मिलेगी. वायरल बीमारियों की जांच के लिए मरीजों के सैंपल जिले के बाहर व दूसरे लैब में भेजने की जरूरत नहीं होगी. सदर अस्पताल में डिस्ट्रिक्ट पब्लिक हेल्थ लेबोरेट्री (डीपीएचएल) लैब का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. इस लैब में मरीजों को विभिन्न बीमारियों की जांच की सारी सुविधा एक ही जगह पर मिलेगी. सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानु प्रतापन ने बताया कि लैब में करीब 150 से अधिक तरह की जांच होगी. लैब में नियुक्त स्वास्थ्य कर्मियों को ट्रेनिंग के लिए रांची भेजने की तैयारी है. उनके ट्रेनिंग प्राप्त कर वापस लौटते ही लैब को शुरू कर दिया जायेगा.
अलग-अलग जांच के लगायी गयी हैं मशीनें :
लैब में अलग-अलग जांच के लिए स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से मशीनें मुहैया करायी गयी हैं. सभी मशीनों को इंस्टाॅल कर लिया गया है. मशीनों के संचालन के लिए टेक्नीशियन, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, बायोकेमिस्ट के साथ पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर की नियुक्ति की गयी है. इन सभी को रांची में ट्रेनिंग देने की तैयारी है.इन बीमारियों से संबंधित सैंपलों की होगी जांच :
यहां चिकन पॉक्स, डेंगू के लिए एलाइजा, मलेरिया, जापानी इंसेफेलाइटिस चिकुनगुनिया, टीबी के अलावा माइक्रोबायोलॉजी से संबंधित सारी जांच होगी. इनमें वायरोलॉजी, बैक्टीरियोलॉजी, प्रोटिस्टोलॉजी, माइक्रोलॉजी, इम्यूनोलॉजी और पैरासिटोलॉजी की जांच शामिल है. बीएसएल टू मानक की लैब में स्क्रब टाइफस, मलेरिया, एक्यूट इंसेफेलाटिस सिंड्रोम, डायरिया समेत संचारी रोगों से जुड़ी जरूरी जांच तथा कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, गुर्दा, मोतियाबिंद, अल्जाइमर आदि बीमारियों की जांच हो सकेगी.अबतक मेडिकल कॉलेज में है डेंगू व मलेरिया की जांच की व्यवस्था :
बता दें कि अबतक एसएनएमएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में डेंगू की बीमारी का पता लगाने के लिए एलाइजा जांच व मलेरिया की जांच की व्यवस्था है. इन बीमारियों से संभावित मरीजों का सैंपल कलेक्ट कर जांच के लिए एसएनएमएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभाग भेजा जाता है. अन्य गंभीर वायरल बीमारियों की जांच के लिए मरीजों का सैंपल जांच के लिए रिम्स भेजा जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है