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बाढ़ ने शहर से गांव तक किया प्रभावित, कहीं महंगाई तो कहीं परेशानी

बाढ़ के कारण केवल बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों को ही परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा, बल्कि मैदानी भागों व शहरी लोगों को भी इसके साइड इफैक्ट हो रहे हैं.

बाढ़ के कारण केवल बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों को ही परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा, बल्कि मैदानी भागों व शहरी लोगों को भी इसके साइड इफैक्ट हो रहे हैं. बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के बीच से मुख्य मार्ग गुजरा था, जो बंद हो गया. इससे दूसरे क्षेत्रों से आवश्यक सामान आना बंद हो गया. शहर व मैदानी भागों के लोगों के बीच संकट मंडराने लगा.

खाने-पीने से लेकर निर्माण सामग्री की आवक हुई प्रभावित

खाने-पीने की चीजों में सबसे पहले हरी सब्जियों की मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं होने लगी. इससे ये सामान महंगे हो गये. जैसे बाढ़ पीड़ितों के बीच लगातार चूड़ा का वितरण किया जा रहा है. इससे बाजार से चूड़ा, मूढ़ी का स्टॉक कम हो रहा है.

रियल इस्टेट का 60 फीसदी काम रुका

शहर में अधिकतर निर्माण सामग्री घोघा, कहलगांव, पीरपैंती, मिर्जा चौकी आदि क्षेत्रों से आते हैं. निर्माण सामग्री कारोबारी अमित सिंह ने बताया कि ईंट घोघा का अच्छा होता है. अभी बाढ़ के कारण कोई ऐसा रास्ता ही नहीं बचा, जिधर से ईंट शहर में मंगाया जा सके. छर्री मिर्जा चौकी से और बालू बांका व झारखंड क्षेत्र से आते हैं. छर्री के लिए रास्ता बंद हो चुका है और बांका में बालू उठाव पर प्रतिबंध है. जबकि अन्य स्थानों पर नदियों में अधिक पानी होने से बालू निकालने में दिक्कत हो रही है. क्रेडाई, भागलपुर के अध्यक्ष आलोक अग्रवाल ने बताया कि अभी रियल इस्टेट का 60 फीसदी काम रुक गया है. जहां-तहां जैसे-तैसे काम हो रहा है.

चूड़ा, दूध, दही व घी हुए महंगे

बाढ़ पीड़ितों को चूड़ा वितरण के कारण चूड़ा का स्टॉक बाजार में घट गया है. जबकि दियारा क्षेत्रों से बाजार में दूध, दही और घी की आवक होती थी. अभी चारा के अभाव में दूध, दही और घी की आवक घट गयी है. चूड़ा कारोबारी चंदन विश्वास ने बताया कि जो चूड़ा 32 से 40 रुपये किलो बिक रहे थे, वही अभी 40 से 45 रुपये किलो, जबकि मूढ़ी 45-50 से बढ़कर 60 रुपये किलो बिकने लगे हैं. दूध की कीमत 45 रुपये लीटर से बढ़कर 55-60 रुपये लीटर हो गया है. इसी तरह दही 100 रुपये से बढ़कर 130-140 रुपये किलो बिक रहे हैं. घी की कीमत भी 50 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गयी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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