25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Purnia News : दिल दा मामला है… न कीजिए इग्नोर, बन सकता है मौत का कारण

आज विश्व हृदय दिवस है. यह शरीर का महत्वपूर्ण अंग है. दिल की धड़कन का बंद होना मौत की वजह बनता है. ऐसे में हम सबको अपने दिल का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. पेश है एक रिपोर्ट.

Purnia News : पूर्णिया. दिल का मामला बेहद सेंसेटिव होता है. दिल से जुड़े अनेक मुहावरे भी प्रचलित हैं. कुछ भावनात्मक फैसलों को भी दिल से जोड़कर देखा जाता है. कई गीतों और नज्मों में भी इसका जिक्र है. किसी ने इसे फूलों से भी ज्यादा नाजुक बताया है, तो किसी ने इसे पत्थर करार दिया है. बावजूद इसके मेडिकल साइंस ने भी दिल यानी हृदय को जीवित शरीर और जीवन का बेहद अहम हिस्सा बताया है. विज्ञान ने यह साबित भी किया है कि मानव शरीर में हृदय के धड़कने से पूरे शरीर में रक्त का संचार होता रहता है. इससे तमाम अंग क्रियाशील रहते हैं. इनमें बाधा उत्पन्न होने से परेशानियां बढ़ती हैं, जो मौत का भी कारण बन सकती हैं.

हृदय रोगियों की संख्या में हो रहा बेहिसाब इजाफा

जीवन की आपाधापी में हम इतने असहज हो चले हैं कि अपने ही जीवन के साथ खिलवाड़ करने लगे हैं. असंतुलित खानपान, अनियमित दिनचर्या के साथ कई ऐसी आदतें डाल चुके हैं कि शरीर का नाजुक और अनिवार्य अंग माना जानेवाला हमारा हृदय ही रोग का शिकार हो रहा है.डाॅक्टरों की मानें, तो पिछले कई सालों से इस तरह के रोगी अधिक आ रहे हैं. हृदय रोग के मरीजों का अध्ययन करने से पता चलता है कि दिनाेंदिन इसके रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है. साथ ही इस रोग से प्रभावित लोगों में हर आयुवर्ग के लोग शामिल हैं. अमूमन ठंड के मौसम में हृदय रोग के मरीजों की परेशानियां बढ़ जाती हैं. यहां तक कि हृदय आघात के मामले भी उन्हीं दिनों में बढ़ते हैं, जिससे पक्षाघात के साथ-साथ जान जाने का भी खतरा बढ़ जाता है.

हृदय को प्रभावित करते हैं रोग

चिकित्सकों का कहना है कि हृदय को प्रभावित करनेवाली किसी भी तरह की स्थिति को हृदय रोग कहा जाता है. हृदय रोग कई प्रकार के हो सकते हैं. जैसे कि रक्त वाहिका रोग, कोरोनरी धमनी रोग, हृदय की धड़कन में अनियमितता, जन्मजात हृदय दोष वगैरह. हृदय रोग को चिकित्सक कार्डियोवास्कुलर रोग भी कहते हैं.कार्डियोवास्कुलर रोग के अंतर्गत कई कारणों से रक्त वाहिकाओं में अवरोध हो सकता है. इसके होने की वजह से दिल का दौरा, एनजाइना या स्ट्रोक का खतरा रहता है. हृदय के अन्य रोगों में खास तौर पर हृदय के वाॅल्व, उसकी मांसपेशियां अथवा हृदय की धड़कन का प्रभावित होना शामिल है.

हृदय रोग से बचना है तो रखें ख्याल

  • बढ़ती उम्र के साथ दिल की बीमारियों का बढ़ता है खतरा
  • परिवार में दिल की बीमारियों का इतिहास होने पर भी हृदय रोग की बढ़ती है आशंका
  • अनियंत्रित उच्च रक्तचाप और मधुमेह का होना
  • गलत जीवनशैली, हाइपर टेंशन, धूम्रपान, शराब, मोटापा, कम शारीरिक गतिविधि
  • अस्वास्थ्यकर भोजन, कोलेस्ट्रॉल का बढ़ता स्तर
  • समय रहते चिकित्सकीय परीक्षण एवं उपचार

हृदय रोग के संभावित लक्षण

  • अनियमित धड़कन
  • ऊंचाई पर अथवा तेज चलने पर सांसों का फूलना
  • चक्कर आना, बेहोशी छा जाना
  • थकान, तेज पसीना आना
  • सीने में दर्द महसूस होना
  • सांस लेने में तकलीफ

हृदय स्वस्थ रखने के मंत्र

  • संतुलित आहार लें
  • भोजन में रंग-बिरंगी सब्जियां जरूर हों
  • फाइबर की मात्रा का ख्याल रखें
  • फल, सब्जियां, साबुत अनाज, कम वसावाले डेयरी उत्पाद और नट्स
  • सोडियम यानि नमक, संतृप्त वसा और अतिरिक्त चीनी को सीमित करें
  • एक बार में ज्यादा भोजन की जगह निश्चित अंतराल पर हल्का भोजन लें
  • प्रातः काल टहलने की आदत डालें
  • योगा, व्यायाम और शारीरिक श्रम जरूर करें

कहते हैं चिकित्सक

गलत खानपान, ड्रिंक, स्मोक, आरामतलबी, फैटी, फास्ट फूड, बाजारू होटलों का खानपान, रक्त में बढ़ता कोलेस्ट्रॉल यह सभी हृदय रोग को आमंत्रण देते हैं. लोगों ने पैदल टहलना, योग, व्यायाम इन सब से भी दूरी बना ली है. जीएमसीएच में ओपीडी एवं इंडोर मिलाकर हृदय रोग संभावित लगभग 60 से 70 मरीज प्रतिदिन पहुंचते हैं, जिन्हें ईसीजी से स्क्रीनिंग के बाद कन्फर्म किया जाता है और चिकित्सीय सलाह दी जाती है.
-डॉ बीके शर्मा, एचओडी मेडिसिन, जीएमसीएच, पूर्णिया

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें