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राष्ट्रीय लोक अदालत में 7836 मामलों का निबटारा, 1.36 करोड़ की वसूली

सिविल कोर्ट परिसर में नौ बेंचों के माध्यम से दोनों पक्षों में बनायी गयी आपसी सहमति

गोड्डा. जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में शनिवार को सिविल कोर्ट परिसर में नेशनल लोक अदालत अस्थायी तौर पर बनाये गये 11 बेंच पर 7836 मामलों का निष्पादन आपसी सुलह समझौता के आधार पर किया गया. प्राप्त जानकारी के अनुसार 1,36,63,905.89 रुपये का समझौता किया गया. निष्पादित मामलों में बैंक रिकवरी के 186 मामलों का निष्पादन हुआ और 6657925 रपये का समझौता हुआ. बिजली से संबंधित 85 मामले निष्पादित करते हुए विभाग ने 424000 रपये की वसूली करायी गयी. सुलह समझौता के आधार पर कोर्ट के सुलह योग्य आपराधिक मामलों में 281 मामले निष्पादित किये गये. उत्पाद विभाग के द्वारा 143 मामलों में फाइन के तौर पर 250750 रुपये की वसूली कर मामले को निष्पादित किया गया. सर्वाधिक फ्रंट ऑफिस के 4353 मामलों का निष्पादन हुआ. इसके बाद नियोजन से संबंधित 1531 मामले सुलझा ये गये. माइनिंग विभाग से 12 मामलों में सुलह के साथ 342160 रपये का समझौता हुआ. स्थायी लोक अदालत ने भी 38 मामलों का निबटारा किया. कार्यक्रम के पूर्व पीडीजे राजेश कुमार वैश्य, फैमिली जज अनिल कुमार पांडेय, जिला जज प्रथम कुमार पवन, जिला जज द्वितीय निरूपम कुमार, जिला जज चतुर्थ पीयुष श्रीवास्तव, सीजेएम अर्जुन साह, बार अध्यक्ष सुशील कुमार झा व सचिव डाॅ प्रदीप शुक्ला ने दीप जलाकर संयुक्त रूप से उदघाटन किया .

मुकदमें से बचे लोग, इसमें धन व जन दोनों की हानि : पीडीजे

प्रधान जिला जज ने बताया कि कैसे लोक अदालत की शुरुआत पूरे देश में की गयी. पीडीजे श्री वैश्य ने कहा कि लोगों को मुकदमा से बचना चाहिए. यह किसी भी पक्ष के लिए ठीक नहीं है. इससे धन व जन दोनों की हानि होती है. यह केवल इगो शांत करने के लिए होता है. यदि सुलह की संभावना है तो सुलह कर लें. इसके लिए न्यायिक स्तर पर कई प्रावधान किये गये है. डीएलए संचालित किया जा रहा है. पीएलवी लगाये गये हैं. कहा कि मुकदमा की शुरुआत दूसरे के अधिकारों का हनन से होता है. लोग यदि अपने वाजिब पर रहें, तो मुकदमा नहीं होगा. संतोष ही परंम सुख हैं. वहीं फैमिली जज श्री पांडेय ने बताया कि लोक अदालत अब किसी के लिए नया नहीं रह गया है. लोक अदालत में कई मामलों का निबटारा किया गया है. पारिवारिक समेत दीवानी आदि मामले का निबटारा किया गया है. इसके अलावा फैमिली जज ने भी अपनी बातों को रखा. कार्यक्रम संचालन डीएलएसए के सचिव डाॅ प्रदीप शुक्ला ने किया. इन्होंने गठित सभी बेंच के बारे में विस्तार से बताया तथा सबों को लोक अदालत के मामले का लाभ लेने को कहा. लोक अदालत में कुल 11 बेंच का गठन किया गया था. मौके पर डीएसपी मुख्यालय विनेश लाल, इंस्पेक्टर मधुसूदन मोदक थे.

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