कार्डियोलॉजिस्ट सोसाइटी की वर्ल्ड हार्ट डे पर सलाह संवाददाता, पटना कोविड के बाद हृदय रोग के मामले बढ़ गये हैं. इसकी एक वजह कोरोना वायरस के संक्रमण का पोस्ट इफेक्ट है, जो शरीर में सूजन (इनफ्लामेशन) को बढ़ाता है. दूसरी वजह कोविड वैक्सीन का साइड इफेक्ट हो सकती है, जिसकी वैश्विक स्तर पर चिकित्सकों और वैज्ञानिकों के एक वर्ग के द्वारा आशंका जतायी जा रही है. ऐसे में हृदय रोग से बचने के लिए हर व्यक्ति को सावधानी बरतनी चाहिए और उन्हें खान-पान से लेकर लाइफ स्टाइल तक में जरूरी बदलाव करने चाहिए. उक्त बातें शनिवार को कार्डियोलॉजिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया की बिहार शाखा द्वारा प्रेस वार्ता में अध्यक्ष डॉ अरविंद कुमार ने कहीं. उन्होंने इस वर्ष के वर्ल्ड हार्ट डे की थीम यूज हार्ट फॉर एक्शन बताते हुए लोगों को हृदय रोग से बचाव के उपायों को अमल में भी लाने के लिए प्रेरित किया. डॉ बीबी भारती ने मानसिक तनाव को 27 फीसदी मामलों में हार्ट अटैक की वजह बताते हुए उससे बचने की सलाह दी. वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डाॅ वीपी सिंह ने उच्च रक्तचाप को हृदय रोग और हार्ट अटैक की प्रमुख वजह बताते हुए इसे निर्धारित सीमा के बीच ही रखने को कहा. डॉ वीरेंद्र प्रसाद सिन्हा ने देश में मधुमेह रोगियों की संख्या 10 करोड़ और प्री डायबिटिक लोगों की संख्या 13 करोड़ बताते हुए इसे भी हृदय रोग की प्रमुख वजह बताया और हमेशा नियंत्रित रखने को कहा. संस्था के सचिव डाॅ यूएन सिंह ने बच्चों में हृदय रोग की वजह को बताते हुए इसके निदान के लिए समय पर प्रयास करने का सुझाव दिया. मौके पर डॉ एसएस चटर्जी, डॉ एके झा, डॉ विपिन व डॉ रवि विष्णु भी मौजूद थे. आज पटना जू में दी जायेगी ट्रेनिंग : सीपीआर को हार्ट अटैक के बाद मरीजों को सडेन डेथ से बचाने में कारगर मानते हुए कार्डियोलॉजिस्ट सोसाइटी पटना जू में रविवार सुबह सात से नौ बजे तक इसकी ट्रेनिंग देगा. यहां कोई भी ट्रेनिंग ले सकता है.
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