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सरकार का विभागीय अध्ययन है जनसरोकार के लिए छलावा, हेलीकॉप्टर से हो राहत कार्य : एमएलसी

सरकार का विभागीय अध्ययन है जनसरोकार के लिए छलावा

एमएलसी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेजा ई मेल सहरसा . पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर के सैकड़ों गांव बांध में अत्यधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने से भीषण बाढ़ की चपेट में हैं. इसे देखते एमएलसी डाॅ अजय कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ई मेल भेजकर शीघ्र प्रभावित क्षेत्र में राहत की मांग की है. उन्होंने कहा कि अधिक जलप्रवाह के कारण नाव द्वारा राहत व बचाव कार्य संभव नहीं हो पा रहा है. हेलीकॉप्टर एक महत्वपूर्ण साधन के रूप कार्य करेगी. तेज धारा के कारण नौका परिचालन में कठिनाई हो रही है. सुपौल जिले के बसंतपुर, सरायगढ, निर्मली, किशनपुर, मरौना व सुपौल प्रखंड के दर्जनों गांव प्रभावित हुए हैं. सहरसा जिले नवहट्टा, महिषी, सिमरी बख्तियारपुर व सलखुआ प्रखंड के तटबंध के अंदर के दर्जनों पंचायत जलमग्न हैं. गौरतलब है कि नेपाल के बराह क्षेत्र में अत्यधिक वर्षा के कारण कोसी नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि आंकी गयी. वीरपुर बराज के सभी 56 फाटक खोल दिए गये. पिछले पचपन साल के रिकार्ड को तोड़ते हुए साढे़ छह लाख क्यूसेक से अधिक जलप्रवाह बराज से किया गया. जिससे सहरसा एवं सुपौल के सैकड़ों गांव भीषण बाढ़ग्रस्त हुए हैं. साथ ही जल दबाव के कारण वीरपुर बराज पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. विधान पार्षद डाॅ अजय कुमार सिंह ने कहा कि बीते माॅनसूत्र सत्र में उन्होंने वीरपुर एवं वाल्मिकीनगर बराज के जर्जर होने का मुद्दा उठाया था. लेकिन सरकार ने जनसरोकार के इस मुद्दे पर गोल-मटोल जबाव दिया. वर्ष 1963 में बना वीरपुर कोसी बराज अपनी आयु पुरी कर चुका है. सरकार ध्यान नहीं दे रही है एवं यह बड़े हादसे का कारण बन सकती है. सरकार जिस कोसी मेची लिंक योजना की तारीफ कर रही है वह खाओ पकाओ योजना है. इस योजना द्वारा टोटल कोसी बराज डिस्चार्ज का दशम भाग भी मेची नदी में नहीं पहुंचाया जा सकेगा. फिर यह कोसी समस्या का स्थायी समाधान कैसे है. सरकार का विभागीय अध्ययन जिसे बिहार सरकार महत्वाकांक्षी योजना कह रही है वह जनसरोकार के लिए छलावा है.

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