Bihar News: बिहार सरकार ने औरंगाबाद के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार पोरिका को क्लीन चिट दे दी है. जो अवैध बालू खनन-परिवहन मामले में आरोपी थे. 2010 बैच के IPS अधिकारी पोरिका को 27 जुलाई 2021 को निलंबित कर दिया गया था.
विभागीय जांच भी शुरू की गई थी
जब आर्थिक अपराध इकाई की जांच रिपोर्ट में उन्हें इस गतिविधि में लिप्त पाया गया. उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की गई थी. इससे पहले, मुजफ्फरपुर के तत्कालीन एसपी विवेक कुमार को भी भ्रष्टाचार के एक मामले में राहत मिल चुकी थी, जिसमें सरकार ने निगरानी थाना में दर्ज केस वापस लेने का निर्णय लिया था.
सभी आरोप खारिज
IPS सुधीर कुमार पोरिका के खिलाफ जांच प्रक्रिया में गृह विभाग ने 4 जनवरी 2022 को मुख्य जांच आयुक्त को संचालन पदाधिकारी नियुक्त किया, जिन्होंने 1 सितंबर 2023 को अपनी रिपोर्ट सौंपी. इस रिपोर्ट में छह आरोपों में से तीन को अप्रमाणित और तीन को आंशिक रूप से प्रमाणित पाया गया.
UPSC ने दोषमुक्त घोषित करने की सिफारिश की
इसके बाद सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) से मंतव्य मांगा. UPSC ने 9 अगस्त 2024 को अपने मंतव्य में सुधीर कुमार पोरिका के खिलाफ आरोपों को निराधार बताया और उन्हें दोषमुक्त घोषित करने की सिफारिश की.
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कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को इसी तरह से मिली राहत
इस सिफारिश के आधार पर बिहार सरकार ने सुधीर कुमार पोरिका के खिलाफ चल रही विभागीय कार्रवाई को समाप्त कर दिया. गृह विभाग ने इस संबंध में संकल्प जारी करते हुए उन्हें सभी आरोपों से मुक्त कर दिया है. इससे पहले भी भ्रष्टाचार के मामले में कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को इसी तरह से राहत दी गई थी.