हरनाटांड़. नेपाल समेत विभिन्न क्षेत्रों में तीन दिनों की बारिश में चारों तरफ पानी ही पानी है. निचले इलाकों में दूर-दूर तक सिर्फ बाढ़ का ही मंजर नजर आ रहा है. गांव में आने जाने का रास्ता गायब हो चुका है. वाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष अंतर्गत मदनपुर वन प्रक्षेत्र के जंगल जलमग्न हो गया है. रामपुर वन परिसर के वन कक्ष संख्या एम 1, 2, 3, 5, 7 आदि जंगल में चारों तरफ पानी होने के कारण जानवर इधर-उधर भटक रहे हैं. बहुत से वन्यजीव ऊंचे स्थान पर पलायन कर रहे है. नौरंगिया से बसही जाने वाले रास्ते बंद हो गये. वहीं रजही, मुजही, धनहिया रेता में गन्ना फसल गंडक नदी में विलय हो गया है. वहीं सोहगीबरवा जंगल में घुसे नारायणी व अन्य नदियों की बाढ़ के पानी ने वन्यजीवों को मुसीबत में डाल दिया है. ऊंचे स्थान की तलाश में जानवर इधर-उधर भटक कर आबादी तक पहुंच गए हैं. वहीं आबादी के समीप बाग बगीचों में शरण लिए वन्यजीवों पर शिकारियों की भी पैनी नजर है. जबकि वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर विभागीय कर्मी पूरी तरह मुस्तैद हैं. आबादी की तरफ आए वन्यजीवों को पकड़कर सुरक्षित जंगल में छोड़ने के निर्देश वन कर्मियों को दिए गए हैं. इस संदर्भ मदनपुर वन प्रक्षेत्र के प्रभारी रेंजर ब्रजेंद्र कुमार ने बताया कि वन क्षेत्र के सभी नदी नालों के किनारे वन कर्मियों की मुस्तैदी बढ़ा दी गयी है. ताकि कोई जानवर नाला में बहकर कहीं जा नहीं सके. वहीं जंगली रास्ते पर भी वन कर्मियों की तैनाती की गयी है तथा लोगों से अपील की जा रही है कि रिहायशी क्षेत्रों में वन्यजीव दिखाई दे तो वन कर्मियों को सूचना दे. ताकि सुरक्षित रेस्क्यू कर वन प्रक्षेत्र के जंगल में छोड़ दिया जाए.
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