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Bihar Flood : उत्तर बिहार के 100 से ज्यादा गांव टापू बने, दर्जनों घर ध्वस्त, इन जिलों में सबसे ज्यादा नुकसान

Bihar Flood : पश्चिम व पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी और दरभंगा में आठ तटबंधों के टूट जाने से बाढ़ का पानी 400 से ज्यादा गांवों में घुस गया है. 100 से अधिक गांव टापू बन गये हैं. सुपौल व सहरसा के बाद कोसी का पानी मधेपुरा और खगड़िया जिले के कई गांवों में फैल गया है.

Bihar Flood: पटना. बिहार के कई हिस्सों में बाढ़ से भारी तबाही की सूचना है. गंडक, सिकरहना और कोसी नदियों के आक्रामक तेवर से उत्तर और पूर्वी बिहार के बड़े इलाके में तबाही मची है. पश्चिम व पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी और दरभंगा में आठ तटबंधों के टूट जाने से बाढ़ का पानी 400 से ज्यादा गांवों में घुस गया है. 100 से अधिक गांव टापू बन गये हैं. सुपौल व सहरसा के बाद कोसी का पानी मधेपुरा और खगड़िया जिले के कई गांवों में फैल गया है. सीतामढ़ी, शिवहर और दरभंगा में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. हजारों लोगों ने बांधों या ऊंचे स्थानों पर शरण ले रखी है.

16 जिलों की 9.90 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित

गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा और अन्य नदियों मेंआयी बाढ़ से बिहार के 16 जिलों के 55 प्रखंडों के 269 ग्राम पंचायतों की 9.90 लाख की आबादी बाढ़ सेप्रभावित है. आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, सीवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण और सहरसा बाढ़ प्रभावित है. बाढ़ प्रभावित लोगों को एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और स्थानीय नावों के माध्यम से सुरक्षित स्थान पर लाया गया है. आपदा प्रबंधन मंत्री संतोष कुमार बाढ़ की स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं.

दरभंगा के बिरौल में डूब गये 40 गांव

दरभंगा के किरतपुर प्रखंड के भुवौल गांव में रविवार देर रात कोसी के टूटे तटबंध का दायरा करीब चार सौ मीटर हो गया है. इससे बिरौल अनुमंडल के करीब 40 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. 50 हजार से अधिक लोगों ने पश्चिमी कोसी तटबंध पर शरण ले ली है. सीतामढ़ी के बेलसंड, परसौनी व रुन्नीसैदपुर प्रखंड के सैकड़ों घरों और सरकारी दफ्तरों में तीन से चार फीट पानी है. सड़कों का अस्तित्व खत्म हो गया है. बेलसंड प्रखंड के सौली में बागमती नदी पर बना तटबंध टूटने से परसौनी प्रखंड की ओर तेजी से पानी फैल रहा है.

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समस्तीपुर के कई गांव टापू बने

रुन्नीसैदपुर में एनएच 77 किनारे बाढ़ के पानी का दबाव शुरू हो गया है. रुन्नीसैदपुर से लेकर कोआही तक के गांव टापू बन गए हैं. इन जगहों पर हर घर में पानी प्रवेश कर गया है. तिलकताजपुर, खरंहुआ-नुनौरा में कई घर ध्वस्त हो गए हैं. नौतन के शिवराजपुर में रिटायर बांध टूट कर बह गया है. संग्रामपुर में अरेराज हाजीपुर मुख्य पथ पर गंडक का पानी चढ़ गया है. सुगौली बेतिया मुख्य पथ पर बिशुनपुरवा के पास दो फीट पानी है. लौरिया-नरकटियागंज सड़क मार्ग बंद है. मधेपुरा जिले के आलमनगर और चौसा प्रखंड में बाढ़ से करीब चार दर्जन गांव प्रभावित हो गए. आलमनगर प्रखंड की किशनपुर रतवारा, खापुड़, गंगापुर, बड़ गांव, इटहरी, कुंजौरी पंचायत के करीब दो दर्जन गांव बाढ़ के पानी में घिर गए.

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