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Shubho Mahalaya 2024 Wishes: ढाकर बजना जनन डिचे मेर आगमों… यहां से दें महालया की बधाई

Shubho Mahalaya 2024: पितृ पक्ष का सबसे प्रमुख दिन महालय अमावस्या है, जो इस अवधि के समापन का प्रतीक है. इस दिन, अपने पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा अनुष्ठान करने की परंपरा है. इस वर्ष महालया 2 अक्टूबर को है. मां दुर्गा के स्वागत के लिए अपने प्रियजनों के साथ शेयर करने के लिए यहां शुभकामनाएं दी गई हैं.

Shubho Mahalaya 2024 Wishes: हिंदी कैलेंडर के अनुसार आश्विन महीने की अमावस्या को महालया का पर्व मनाया जाता है. इस वर्ष महालया का उत्सव कल, अर्थात् 2 अक्टूबर को आयोजित किया जाएगा. महालया अमावस्या पितृ पक्ष का अंतिम दिन होता है. प्रत्येक वर्ष महालया अमावस्या के पश्चात नवरात्रि का आरंभ होता है. इस अवसर पर अपने मित्रों और रिश्तेदारों को विशेष शुभकामनाएं भेजें

Shubho Mahalaya 2024 Wishes: इस महालया पर

इस महालया पर,
देवी दुर्गा आपके जीवन पथ से सभी बाधाओं को दूर करें
और आपको सफलता की ओर ले जाएं

Shubho Mahalaya 2024 Wishes: आपको एक आनंदमय

आपको एक आनंदमय और शुभ महालया की शुभकामनाएं
देवी दुर्गा का आशीर्वाद हमेशा आपके साथ रहे
शुभो महालया

Shubho Mahalaya 2024 Wishes: आपको सभी बुराइयों

देवी दुर्गा आपको सभी बुराइयों और नुकसान से बचा

Shubho Mahalaya 2024 Wishes: विश्वेशवन्द्या भवती भवन्ति

विश्वेश्वरि त्वं परिपासि विश्वं
विश्वात्मिका धारयसीति विश्वम्.
विश्वेशवन्द्या भवती भवन्ति
विश्वाश्रया ये त्वयि भक्ति नम्रा:॥
शुभो महालया !

Shubho Mahalaya 2024 Wishes: चारि दिके शिउली फुलेर

चारि दिके शिउली फुलेर गोंधो,
अक्षर मेघ, काश फुलेर बॉन,
ढाकर बजना जनन डिचे मेर आगमों.
शुभो महालया

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Shubho Mahalaya 2024 Wishes: मां आसछे

मां आसछे – विश्व आजके ध्यान मग्ना, उद्भाषित आशा.
तापित तृषित धराय जागबे, प्राणेर नतून भाषा..
मृन्मयी माँ आविर्भूता, असुरो विनाशिणी.
माँयेर आगमनी..

महालया अमावस्या पर माता दुर्गा का अवतरण

महालया अमावस्या नवरात्रि के आरंभ से पूर्व आती है, जिससे इसका महत्व और भी अधिक हो जाता है. मान्यता है कि इसी दिन माता दुर्गा का अवतरण हुआ था, और उन्होंने इस धरती को पापियों से मुक्त करने का कार्य किया. दुर्गा जी के भक्त इस दिन को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं. शारदीय नवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसमें माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. ‘नवरात्रि’ शब्द संस्कृत से लिया गया है, जिसमें ‘नव’ का अर्थ नौ और ‘रात्रि’ का अर्थ रात है. यह पर्व महालया अमावस्या के बाद हिंदू महीने अश्विन में मनाया जाता है.

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