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Navratri puja: नवरात्रि पूजा नौ दिन किन फूलों से बनाए मां दुर्गा की माला?

Navratri puja: इस लेख में जानिए नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा को कौन से विशेष फूल चढ़ाने चाहिए। हर फूल का महत्व और आध्यात्मिक लाभ जानकर आप अपनी पूजा को और भी सफल बना सकते हैं।

नवरात्रि का पर्व हर साल भक्तिभाव से मनाया जाता है. इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है, और इस अवसर पर उन्हें विभिन्न प्रकार के फूलों की माला पहनाई जाती है. हर फूल का अपना विशेष महत्व होता है और यह मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है. तो आइए जानते हैं कि नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा को कौन-कौन से फूल अर्पित किए जा सकते हैं और इनका क्या महत्त्व है.

पहला दिन, सफेद फूल (चमेली)

नवरात्रि का पहला दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप की पूजा के लिए समर्पित होता है. इस दिन सफेद फूल, विशेष रूप से चमेली, अर्पित करना शुभ माना जाता है. सफेद फूल शांति और पवित्रता का प्रतीक होते हैं. मां को सफेद चमेली के फूल अर्पित करने से भक्त के जीवन में सकारात्मकता और मानसिक शांति का संचार होता है.

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दूसरा दिन, गुलाबी फूल (गुलाब)

दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा की जाती है। इस दिन गुलाबी गुलाब के फूल अर्पित करने से मां की कृपा प्राप्त होती है। गुलाब प्रेम और भक्ति का प्रतीक होता है। इसे चढ़ाने से भक्त की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और जीवन में प्रेम और सौहार्द बढ़ता है।

तीसरा दिन, लाल फूल (कमल)

तीसरे दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा रूप की पूजा होती है। इस दिन लाल कमल का फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है. कमल का फूल पवित्रता और आध्यात्मिकता का प्रतीक होता है. इसे अर्पित करने से भक्त को सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है. इस दिन कमल का फूल चढ़ाकर भक्त अपनी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं.

चौथा दिन, पीला फूल (गेंदे का फूल)

चौथे दिन मां दुर्गा के कूष्मांडा रूप की पूजा की जाती है. इस दिन गेंदे के फूल अर्पित करना अत्यंत लाभकारी होता है. गेंदे के फूल का पीला रंग ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक है. इसे चढ़ाने से घर में खुशहाली आती है और सभी प्रकार की नकारात्मकता दूर होती है.

पांचवां दिन, नीला फूल (धतूरा)

पांचवें दिन मां दुर्गा के स्कंदमाता रूप की पूजा की जाती है. इस दिन धतूरा का फूल अर्पित करना विशेष माना जाता है. धतूरा को देवी को चढ़ाने से भक्त को उनके दुश्मनों से विजय प्राप्त होती है. यह फूल संकटमोचक होता है और इसे चढ़ाने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

छठा दिन, संतरा (निम्बू)

छठे दिन मां दुर्गा के कात्यायनी रूप की पूजा होती है. इस दिन संतरे का फूल या निम्बू अर्पित करने से विशेष लाभ होता है. यह फल मां को समर्पित करने से भक्त को जीवन में खुशियों की प्राप्ति होती है और सभी प्रकार के विघ्न दूर होते हैं.

 सातवां दिन, लाल फूल (रोहिणी)

सातवें दिन मां दुर्गा के कालरात्रि रूप की पूजा की जाती है. इस दिन रोहिणी के लाल फूल अर्पित करना शुभ होता है. रोहिणी का फूल शक्ति और साहस का प्रतीक होता है. इसे चढ़ाने से भक्त के मन में साहस और आत्मविश्वास बढ़ता है.

आठवां दिन, गुलाबी (आसमान)

आठवें दिन मां दुर्गा के महागौरी रूप की पूजा होती है. इस दिन आसमान के गुलाबी फूल अर्पित करना विशेष रूप से लाभकारी होता है. ये फूल आस्था और भक्ति का प्रतीक होते हैं. इसे चढ़ाने से भक्त को मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

नौवां दिन, सफेद (मोर)

नौवें दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री रूप की पूजा की जाती है. इस दिन मोर के सफेद पंख अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है. मोर का पंख सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक होता है. इसे अर्पित करने से भक्त को सभी प्रकार की इच्छाएं पूरी होती हैं और मां दुर्गा का आशीर्वाद हमेशा उनके साथ रहता है.

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