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बाढ़ के पानी में उपलाता बच्ची समेत चार लोगों का शव बरामद

प्रखंड अंतर्गत मधकौल व सौली गांव में तटबंध टूटने के बाद लापता लोगों का शव पानी में उपलाता बरामद किया जा रहा है.

बेलसंड (सीतामढ़ी). प्रखंड अंतर्गत मधकौल व सौली गांव में तटबंध टूटने के बाद लापता लोगों का शव पानी में उपलाता बरामद किया जा रहा है. इस क्रम में मंगलवार को पुलिस ने चार शव बरामद किया है. जो कतिपय कारणों से इधर-उधर गये थे और परिजन उन्हें तलाश रहे थे. पुलिस ने मधकौल, घुसकपुर, झउआ टोला व छप्पन-बीघा गांव में बाढ़ के पानी के उपर उपला रहे तीन शव को बरामद किया है. जिसकी पहचान मधकौल गांव के वार्ड नंबर दो निवासी गजेंद्र साह के 15 वर्षीय पुत्र विकास कुमार, छप्पन-बीघा गांव के वार्ड नंबर एक निवासी अर्जुन साह के 18 वर्षीय पुत्र विकास कुमार, पंडराही गांव के झउआ टोला निवासी सद्दाम हुसैन की 10 वर्षीय पुत्री सादिया खाुतन व भोरहा गांव निवासी 24 वर्षीय सुजीत कुमार का शव बरामद किया गया है. एक अन्य व्यक्ति का शव बरामद होने की चर्चा है.

–संचार व्यवस्था शुरू, बिजली सेवा अब भी ठप

प्रखंड के दो स्थान पर तटबंध टूटने के बाद तीसरे दिन मंगलवार को प्रशासन व स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है. पानी के चारों तरफ फैलने के कारण तटबंध पर दबाव कम हुआ है. अर्जुन मंडल, प्रबीन कुमार, राकेश कुमार, जगरनाथ सहनी, तेजा साह, कमल साह व शंकर बैठा सहित अन्य बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि लाख प्रयास के बाद भी सीओ साहब से संपर्क स्थापित नही हो पा रहा है. बताया कि ओलिपुर, रुपौली व सौली के बाढ़ पीड़ितों के बीच समाचार लिखे जाने तक राशन की बात तो दूर रही पॉलीथिन सीट का वितरण नही हो पाया था. बाढ़ पीड़ितों की टकटकी प्रशासनिक मदद की ओर टिकी है. हालांकि परसौनी प्रखंड़ के कोरा खरगी के ग्रामीणों ने इंसानियत का परिचय देते हुए अपनी दरियादिली दिखायी है. मंगलवार को वहां के ग्रामीण ट्रैक्टर पर पूड़ी, सब्जी, अचार पारले-जी बिस्किट, मोमबत्ती व दियासलाई लेकर पहुंचे. उन्होंने सौली रुपौली, ओलिपुर व मधकौल के चार हजार बाढ़़ पीड़ितों के बीच राहत सामाग्री का वितरण किया. राहत सामाग्री देखकर बाढ़ पीड़ितों का खासतौर पर बच्चों का चेहरा खिल गया. शिवहर सांसद लवली आंनद ने भी सौली तटबंध पर शरण लिए बाढ़ पीड़ितों से मिलकर हर संभव सहायता का आश्वासन दी है. संचार व्यवस्था पहले के अपेक्षा सुदृढ़ हुई है. किरासन तेल बंद होने से सबसे अधिक समस्या बाढ़ पीड़ितों के बीच रोशनी की हो गई है. बाढ़ पीड़ित रात में सरसो तेल में ढिबरी जलाकरअपना दैनिक काम कर रहे है. हालांकि बिजली की सुविधा पूरी तरह ठप है. मवेशी के भूसा के घर मे पानी घुस जाने के कारण चारा की समस्या हो गई है.

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