25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Muslims : बिहार के इन जिलों में रहते हैं सबसे अधिक मुसलमान, इनकी मर्जी के बिना नहीं बन पाता कोई सांसद-विधायक

Muslims in Bihar : बिहार के कुछ जिले ऐसे भी है जो अपनी राजनीति और आबादी को लेकर अक्सर चर्चा में बने रहते हैं. इन्हीं में से कुछ जिला ऐसे भी जहां मुसलमानों की आबादी हिंदूओं से ज्यादा है.

यूं तो बिहार के सभी जिले किसी न किसी चीज के लिए प्रसिद्ध है. बिहार और यूपी के बॉर्डर पर मौजूद कैमूर जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता तो नालंदा अपने ज्ञान के लिए जाना जाता है. ऐसे में बिहार के कुछ जिले ऐसे भी है जो अपनी राजनीति और आबादी को लेकर अक्सर चर्चा में बने रहते हैं. इन्हीं में से एक जिला है कटिहार जहां राज्य की सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी रहती है. वहीं, अगर हम प्रतिशत में देखेंगे तो बिहार का किशनगंज जिले में मुसलमानों की आबादी हिंदूओं से ज्यादा है.

9
Muslims : बिहार के इन जिलों में रहते हैं सबसे अधिक मुसलमान, इनकी मर्जी के बिना नहीं बन पाता कोई सांसद-विधायक 5

इस जिले में रहते हैं सबसे अधिक मुसलमान

साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, कटिहार ज़िले की जनसंख्या 3,071,029 है. ज़िले का जनसंख्या घनत्व 1,004 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर है. जनगणना के अनुसार जिले में 13.65 लाख मुस्लिम थे. वहीं, साल 2024 में मुस्लिमों की अनुमानित आबादी 16.85 लाख हो गई है. हालांकि, प्रतिशत के हिसाब से किशनगंज ज़िले में सबसे ज़्यादा मुस्लिम हैं. यहां की कुल आबादी का 67.98 फ़ीसदी हिस्सा मुस्लिमों का है. वहीं, अररिया ज़िले में मुस्लिम आबादी 43 फ़ीसदी है. पूर्णिया ज़िले में साल 2011 में मुस्लिम आबादी 23.3 फ़ीसदी थी.

10
Muslims : बिहार के इन जिलों में रहते हैं सबसे अधिक मुसलमान, इनकी मर्जी के बिना नहीं बन पाता कोई सांसद-विधायक 6

अनुपात में ये है बिहार का सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला जिला

2011 की जनगणना के अनुसार किशनगंज जिले की आबादी करीब 17 लाख है. जिले में जनसंख्या का घनत्व 898 प्रति व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है. जिले की अधिसंख्य आबादी गांवों में रहती है. यह बिहार का अकेला जिला है जहां मुस्लिम आबादी बहुसंख्यक है. जिले में करीब 68 फीसदी मुस्लिम आबादी है तो लगभग 31 फीसदी हिंदू आबादी है.

जिले के अधिकांश लोग मैथिली बोलते हैं. इसके बाद सुरजापुरी (42.61 फीसदी) बोलने वालों की तादाद भी अच्छी खासी है. उर्दू बोलने वालों की संख्या 32.62 फीसदी, उर्दू बोलने वालों की 9.05 और हिंदी बोलने वालों की संख्या 6.66 फीसदी है. इसके अलावा कुछ लोग बंगाली, संथाली, मैथिली और भोजपुरी में बोलते हैं.

13
Muslims : बिहार के इन जिलों में रहते हैं सबसे अधिक मुसलमान, इनकी मर्जी के बिना नहीं बन पाता कोई सांसद-विधायक 7

एक तरफ नेपाल तो दूसरी तरफ बंगाल से घिरा है किशनगंज

बता दें कि बिहार का यह जिला एक ओर नेपाल तो दूसरी ओर से पश्चिम बंगाल से घिरा हुआ यह पूर्णिया डिविजन का हिस्सा है. ये शहर पूरे बिहार में चाय पैदा करने वाला एकमात्र जिला है. लेकिन आज हम बात यहां की चाय या सुंदरता की नहीं बल्कि आबादी की करेंगे कि कैसे यह जिला बिहार में रहने वाले अल्पसंख्यकों का गढ़ बन चुका है और बिना अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों की मर्जी के बिना यहां कोई सांसद और विधायक नहीं बन सकता है.

11
Muslims : बिहार के इन जिलों में रहते हैं सबसे अधिक मुसलमान, इनकी मर्जी के बिना नहीं बन पाता कोई सांसद-विधायक 8

मुस्लिम मतदाता तय करते हैं राजनीतिक तस्वीर

किशनगंज जिले में किशनगंज लोकसभा सीट आती है. मुस्लिम बहुल आबादी होने की वजह से यहां पर अधिकतर पार्टियां मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारती हैं. यहां पर एक बार 1967 के लोकसभा चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार लाखन लाल कपूर को जीत मिली थी. इस सीट पर नौ बार कांग्रेस को जीत मिली है तो तीन बार आरजेडी ने भी जीत का स्वाद चखा है. भाजपा ने एक बार 1999 में शाहनवाज हुसैन के रूप में यहां से सासंद बनाया है. किशनंगज में चार विधानसभा सीटें- बहादुरगंज, किशनगंज, ठाकुरगंज और कोचाधामन सीटें आती हैं. वोटों का गणित देखते हुए विधानसभा सीटों पर भी सभी पार्टियां मुस्लिम उम्मीदवारों को प्राथमिकता देती हैं. इनमें से फिलहाल दो सीटें जेडीयू के पास हैं और एक-एक सीट कांग्रेस और AIMIM (कांग्रेस विधायक के सांसद बनने के बाद) के पास है.

ये भी पढ़ें : Bihar : मुजफ्फरपुर में वायुसेना का हेलिकॉप्टर क्रैश, बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत सामग्री लेकर भरा था उड़ान

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें