रांची : कांके में सुकुरहुटू रिंग रोड के पास 113.24 करोड़ रुपये की लागत से 40.68 एकड़ भूमि पर राज्य का पहला ट्रांसपोर्ट नगर बन कर तैयार हो गया है. पूरे ट्रांसपोर्ट नगर में कहीं भी सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया गया है. पत्थर के इको फ्रेंडली गैबियन वाॅल से ट्रांसपोर्ट नगर बनाया गया है.
तीन तल्लों में छोटे से लेकर बड़े वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था
जुडको की देखरेख में हैदराबाद की एजेंसी केएमवी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने ट्रांसपोर्ट नगर में एकीकृत भवन व दो वेयर हाउस का निर्माण किया है. तीन तल्लों में छोटे से लेकर बड़े वाहनों की पार्किंग के लिए तीन स्तर का प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है. जी प्लस 3 एकीकृत भवन में 16 ऑफिस बनाये गये हैं.
बाहर से आए ड्राइवर और खलासी के लिए 180 बेड की डॉरमेट्री
बाहर से आने वाले वाहनों के माल की अनलोडिंग के लिए दो लेवल का वेयर हाउस है. लेवल एक 6176 वर्गमीटर व लेवल दो 3900 वर्गमीटर का है. ट्रांसपोर्ट नगर में ड्राइवर व खलासी के आराम करने के लिए 180 बेड की डॉरमेट्री और 150 लोगों के बैठने के लिए फूड कोर्ट भी है. इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, दो वे ब्रिज, सर्विस स्टेशन, प्रवेश द्वार, सीसीटीवी, वाई-फाई, लैंड स्केपिंग व मनोरंजन के लिए स्थान उपलब्ध कराया कराया गया है.
एक साथ खड़े किये जा सकेंगे 424 वाहन
ट्रांसपोर्ट नगर में बड़े-छोटे कुल 424 वाहनों को खड़ा करने का प्रावधान किया गया है. लेवल एक प्लेटफाॅर्म पर 93 एक्स्ट्रा लार्ज (22 मीटर लंबा), 11 लार्ज टेलर (18 मीटर लंबा) और 27 स्माॅल (16 मीटर लंबा) वाहन खड़ा किये जा सकेंगे. लेवल दो प्लेटफाॅर्म पर 179 लार्ज और 50 स्माॅल वाहन खड़े किये जायेंगे. वहीं, लेवल तीन के प्लेटफाॅर्म पर 64 छोटे वाहन खड़े किये जा सकेंगे. बाहर से आनेवाले वाहनों के चालक वेयर हाउस में माल उतार कर मुक्त हो जायेंगे. वहां से ट्रांसपोर्टर छोटे वाहनों के माध्यम से माल जगह तक पहुंचायेंगे.
वाहनों को शहर में प्रवेश के लिए नहीं करना होगा इंतजार
ट्रांसपोर्ट नगर तैयार होने के बाद भारी वाहनों को शहर में प्रवेश करने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा. राजधानी के मुख्य मार्गों को दरकिनार करते हुए भारी वाहन रिंग रोड का इस्तेमाल कर ट्रांसपोर्ट नगर तक पहुंच जायेंगे. मालूम हो कि राजधानी में प्रतिदिन सुबह आठ से रात 10 बजे तक भारी वाहनों का प्रवेश बंद है.
शहर में यातायात का भार कम होगा
ट्रांसपोर्ट नगर बनने से शहर में यातायात का भार कम होगा. वहीं, व्यापारियों के लिए भी मददगार होगा. ट्रांसपोर्ट नगर में जमशेदपुर (राष्ट्रीय राजमार्ग-33), हजारीबाग (एनएच-33), मेदिनीनगर (एनएच-75), गुमला (एनएच-23) और पुरुलिया (राज्य राजमार्ग-01) से रांची आनेवाले वाहन खड़े किये जायेंगे. रांची शहर के दक्षिण-पूर्व रेलवे से अच्छी तरह जुड़ा होना भी ट्रांसपोर्ट नगर के लिए लाभकारी होगा.
दूसरे फेज में 600 बेड की बनेगी डॉरमेट्री
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ट्रांसपोर्ट नगर के उद्घाटन के बाद योजना के फेज टू का शिलान्यास भी करेंगे. ट्रांसपोर्ट नगर फेज टू में नौ एकड़ भूमि पर 55.52 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण किया जायेगा. इस फेज में 256 वाहनों को खड़ा करने के लिए प्लेटफॉर्म व जलमीनार का निर्माण होगा. इसके अलावा डॉरमेट्री में बेड की संख्या भी बढ़ायी जायेगी. फिलहाल, ट्रांसपोर्ट नगर में 180 बेड की डॉरमेट्री है. इसे बढ़ा कर 600 बेड का किया जायेगा. योजना के लिए 55.82 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. वर्ष 2025 में फेज टू पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
इस टीम ने पूरा कराया निर्माण
ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण नगर विकास विभाग के पूर्व सचिव विनय कुमार चौबे व वर्तमान सचिव सुनील कुमार के दिशा-निर्देश में संभव हो सका है. वर्ष 2021-22 से ट्रांसपोर्ट नगर के निर्माण की प्रक्रिया धरातल पर शुरू की गयी थी. निर्माण करने में जुडको के परियोजना निदेशक (तकनीकी) गोपालजी, महाप्रबंधक (परिवहन) विनय कुमार, परियोजना प्रबंधक शितांशु वैभव, उप परियोजना प्रबंधक रिजु श्रीवास्तव व सहायक परियोजना प्रबंधक देवेश कुमार का योगदान रहा.