25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Gopalganj News : कलश स्थापन के साथ आज होगी मां शैलपुत्री की उपासना, नौ दिनों तक श्रद्धालु माता के विभिन्न रूपों की आराधना करेंगे भक्त

Gopalganj News : शारदीय नवरात्रि तीन अक्तूबर से शुरू हो रहा है. शुभ मुहूर्त में कलश की स्थापना की जायेगी. पूरे नौ दिनों तक श्रद्धालु माता के विभिन्न रूपों की आराधना करेंगे.

गोपालगंज. शारदीय नवरात्रि तीन अक्तूबर से शुरू हो रहा है. शुभ मुहूर्त में कलश की स्थापना की जायेगी. पूरे नौ दिनों तक श्रद्धालु माता के विभिन्न रूपों की आराधना करेंगे. अष्टमी व नवमी का व्रत 11 अक्तूबर को होगा. इसी दिन कन्यापूजन व हवन भी किया जायेगा. 12 अक्तूबर को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक विजयादशमी पर्व मनाया जायेगा. ज्योतिषाचार्य पं रंजन उपाध्याय के अनुसार इस बार माता का आगमन पालकी पर व गमन मुर्गा पर हो रहा है. यह अच्छा नहीं माना जा रहा है. उन्होंने बताया कि महासप्तमी 9 अक्तूबर को होगी. इसी दिन पंडालों में मूर्तियों की स्थापना की जायेगी. अष्टमी तिथि 10 अक्तूबर की सुबह 07:29 बजे से शुरू हो रही है. इस तिथि का समापन 11 अक्तूबर की सुबह 06:52 मिनट पर होगा. इसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी, जो 12 अक्तूबर की सुबह 05: 47 बजे तक रहने वाली है. अष्टमी और नवमी का व्रत एक साथ बंजारी स्थित ज्योतिष परामर्श केंद्र के संस्थापक ज्योतिर्विद अखिलेश सिंह ने बताया कि इस बार सप्तमी और अष्टमी तिथि एक ही दिन पड़ रही है. ऐसी स्थिति में अष्टमी व्रत करना शुभ नहीं माना जाता. ऐसे में इस बार अष्टमी और नवमी का व्रत एक ही दिन यानी शुक्रवार 11 अक्तूबर को किया जायेगा. उन्हाेंने बताया कि महानिशा पूजा 10 अक्तूबर की रात्रि में होगी. ज्योतिषाचार्य पं राजेश्वरी मिश्र के अनुसार कलश स्थापना पहले दिन गुरुवार को शुभ मुहूर्त में की जायेगी. नवरात्रि के पहले दिन सूर्योदय 6:06 बजे पर होगा. आश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि का मान पूरा दिन और रात में 1:09 बजे तक है. इस दिन हस्त नक्षत्र दिन में 3:17 बजे तक रहेगा. उसके बाद चित्रा नक्षत्र है. शास्त्रों में चित्रा नक्षत्र में कलश स्थापना का निषेध स्पष्ट रूप से उल्लेख है. सबसे पहले मिट्टी की वेदी बनाकर उसमें जौ और गेहूं मिलाकर बोएं. उस पर विधि पूर्वक कलश स्थापित करें. कलश पर देवीजी की मूर्ति (धातु या मिट्टी) अथवा चित्रपट स्थापित करें. पूजा सामग्री एकत्रित कर पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके बैठें. आचमन, प्राणायाम, आसन शुद्धि करके शांति मंत्र का पाठ कर संकल्प करें. रक्षा दीपक जला लें. सर्वप्रथम क्रमशः गणेश अंबिका, कलश (वरुण), मातृका पूजन, नवग्रहों का पूजन करें. तीन अक्तूबर को कलश स्थापना के लिए सुबह में शुभ मुहूर्त 6 :15 बजे से 7: 22 बजे तक है. सुबह में घट स्थापना के लिए आपको 1 घंटा 6 मिनट का समय प्राप्त होगा. मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त 11:46 बजे से दोपहर 12 :33 बजे कलश स्थापना कर सकते हैं. दोपहर में आपको 47 मिनट का शुभ समय प्राप्त होगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें