13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जून 1998… बिहार में दो दिग्गज नेताओं के मर्डर की कहानी, 24 घंटे के अंदर दोनों को गोलियों से किया था छलनी

Bihar News: बिहार में तब राबड़ी देवी की सरकार थी और 1998 में 24 घंटे के अंदर दो दिग्गज नेताओं की हत्या कर दी गयी थी. पहले पटना और फिर पूर्णिया गोलियों की तड़तड़ाहट से दहला था.

Bihar News: बिहार में नब्बे के दशक में बाहुबलियों का दबदबा होता था. राजनीति में भी बाहुबल का प्रभाव साफ दिखता रहा. सुप्रीम कोर्ट ने 3 अक्टूबर 2024 को एक फैसला सुनाया जिसने फिर से उस दौर की याद को ताजा किया है. राज्य सरकार की कैबिनेट में मंत्री रहे बृज बिहारी प्रसाद की हत्या मामले में राजद नेता मुन्ना शुक्ला समेत दो आरोपितों को सजा का ऐलान किया गया. पूर्व मंत्री को पटना में गोलियों से भून दिया गया था. यह घटना है जून 1998 की, जब एक नहीं बल्कि 24 घंटे के अंदर बिहार में दो दिग्गज नेताओं को गोलियों से छलनी कर दिया गया था. दोनों घटनाओं का जिक्र लोग आज भी करते हैं.

फिर से जगा नब्बे की दशक का वो हत्याकांड मामला

13 जून 1998 को पटना के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (IGIMS) अस्पताल परिसर में पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद को गोलियों से छलनी कर दिया गया था. उत्तर प्रदेश के माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला समेत कई अन्य आरोपित इस मामले में बनाए गए थे. इनमें लोजपा के पूर्व सांसद सूरजभान सिंह और हाल में राजद की ओर से लोकसभा चुनाव मैदान में उतरे मुन्ना शुक्ला भी शामिल थे. पटना हाईकोर्ट ने सबूतों के अभाव में सभी को बरी किया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 26 साल पुराने इस मामले में मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को उम्रकैद की सजा सुनाई है.

ALSO READ: पटना में जब राबड़ी कैबिनेट के मंत्री को AK-47 से भूना गया था, पत्नी सांसद बनीं और अब मुन्ना शुक्ला को दिलवायी सजा

IGIMS में पूर्व मंत्री को AK-47 से भून डाला था

सूबे में राबड़ी देवी की सरकार थी. कैबिनेट में मंत्री रह चुके बृज बिहारी प्रसाद पर गैंगस्टर छोटन शुक्ला समेत अन्य की हत्या का आरोप था. बदले की आग में जल रहे गैंगस्टर के गैंग की ओर से उनके ऊपर हमले की पूरी आशंका थी. इस बीच कड़ी सुरक्षा में उनका इलाज पटना के IGIMS अस्पताल में चल रहा था. अचानक 13 जून 1998 को हथियारों से लैश बदमाश अस्पताल पहुंचे और बृज बिहारी प्रसाद को AK-47 से छलनी कर दिया. उनके अंगरक्षक पर भी ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं. इस केस में श्रीप्रकाश शुक्ला, अनुज प्रताप सिंह और सुधीर त्रिपाठी का भी नाम था जिनका काफी पहले एनकाउंटर हो चुका है. सूरजभान सिंह बरी कर दिए गए जबकि मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को सुप्रीम कोर्ट ने अब दोषी करार दिया है.

पूर्णिया में विधायक अजीत सरकार को गोलियों से भूना था

13 जून 1998 को पटना में हुए इस हत्याकांड के ठीक बाद अगले ही दिन 14 जून को पूर्णिया में एक दिग्गज नेता की हत्या हो गयी. वामदल के बेहद चर्चित नेता हुआ करते थे अजीत सरकार. जो पूर्णिया से चार बार विधायक बने. अजीत सरकार अपनी सादगी के लिए जाने जाते थे जो चुनाव के दौरान लोगों से एक रुपया चंदा लेते थे. हर सिक्के को वो अपना वोट मानते थे. अजीत सरकार को पूर्णिया में ही 14 जून 1998 को गोलियों से छलनी कर दिया गया था.

पप्पू यादव और राजन तिवारी भी बनाए गए थे आरोपित

कहा जाता है कि अपराधियों ने अजीत सरकार को 100 से अधिक गोली मारी थी. जिसका खुलासा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में तब हुआ था. इस केस में पूर्णिया के वर्तमान सांसद पप्पू यादव भी आरोपित बनाए गए थे. एक दिन पहले पटना में हुए पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड के आरोपितों में एक राजन तिवारी को अजीत सरकार हत्याकांड में भी आरोपित बनाया गया था. वहीं पप्पू यादव ने इस केस में कई वर्षों की सजा भी काटी. निचली अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया था लेकिन बाद में उपरी अदालत ने उन्हें सबूतों के अभाव में दोषमुक्त कर बरी किया था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें