24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Bihar flood: सुपौल में बढ़ने लगा कोसी नदी का पानी, अब बाढ़ पीड़ितों की फिर धड़कनें हुई तेज

Bihar flood: कोसी ने ऐसी तबाही मचायी की लोगों को रात में बेघर होना पड़ा. खेतों में लहलाती फसलें नष्ट हो गयीं. मवेशी बेहाल हैं . लेकिन फिर एक बार कोसी नदी का पानी बाढ़ने से बाढ़ पीड़ितों की धड़कनें तेज हो गई है.

Bihar flood: सुपौल. बिहार के उत्तर-पूर्वी भाग में बहनेवाली कोसी नदी, जिसे ‘बिहार का शोक’ भी कहा जाता है, ने एकबार फिर अपनी उग्रता से कोसी क्षेत्र के लोगों के बीच दहशत फैला दी है. हर साल यह नदी अपने वेग और प्रवाह के कारण बाढ़ जैसी विनाशकारी स्थिति उत्पन्न करती है, जिससे हजारों लोगों का जीवन प्रभावित होता है. 28 सितंबर का कोसी में आयी बाढ़ से अभी लोग उबर भी नहीं पाये हैं कि एक बार फिर गुरुवार को बराह क्षेत्र में कोसी नदी का जल स्तर बढ़ने से कोसी पीड़ितों के बीच भय का माहौल है. कोसी में आयी प्रलयंकारी बाढ़ ने जिले के पांच प्रखंडों की 10 पंचायतों को पूर्ण और 21 पंचायतों को आंशिक रूप से प्रभावित किया है. बाढ़ के कारण 01 लाख 30 हजार 235 लोग बेघर हो गये, जो आज भी अपना घर-द्वार छोड़कर तटबंध पर या फिर अपने संबंधी के यहां शरण लिये हुए हैं.

कोसी ने ऐसी तबाही मचायी की लोगों को रात में बेघर होना पड़ा. खेतों में लहलाती फसलें नष्ट हो गयीं. मवेशी बेहाल हैं और लोगों के पास आज न तो भोजन की पर्याप्त व्यवस्था है और न ही पीने का साफ पानी उपलब्ध है. पीड़ित रमेश प्रसाद कहते हैं कि हर साल यह नदी हमारा सब कुछ छीन लेती है. घर, फसलें, मवेशी सब कुछ खत्म हो जाता है. इस बार भी पानी तेजी से बढ़ रहा है और हमें डर है कि फिर एक बार तबाही होगी. गुरुवार को 11 बजे दिन में बराह क्षेत्र में 01 लाख 21 हजार 800 क्यूसेक पानी बढ़ते क्रम में दर्ज किया गया, लेकिन 01 बजे दोपहर के बाद बराह क्षेत्र में पानी घटने लगा. हालांकि बराज पर पानी बढ़ने का सिलसिला जारी है. बराह क्षेत्र में पानी बढ़ने की सूचना मिलते ही पीड़ितों की धड़कनें बढ़ने लगी हैं.

बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह ठप

प्रभावित गांवों के बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह ठप हो गयी है. स्कूलों में पानी भर जाने से उन्हें अस्थायी राहत शिविरों में रखा जा रहा है. स्वास्थ्य सेवाओं का भी घोर अभाव है, जिससे संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है. प्रशासन की ओर से राहत कार्य किया जा रहा है.

बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्री का हो रहा वितरण

जिला प्रशासन तटबंध के अंदर बसे लोगों के बीच सूखा राशन, पॉलिथीन शीट, पशुचारा का वितरण नियमित रूप से चलाया जा रहा है. डीएम कौशल कुमार ने कहा कि घर व फसल क्षति का आकलन कर प्रभावित लोगों को जल्द ही राशि भेज दी जायेगी.

Also Read: Bihar Agriculture: धान की फसल में शीथ ब्लाइट का बढ़ा खतरा, जानें ऐसे में किन दवा का करें छिड़काव

मेडिकल टीम ने घर पहुंच कराया प्रसव

बाढ़ आपदा के बीच दो घरों में किलकारी गूंजने से परिवार में खुशी का माहौल दिखा. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के बौराहा पंचायत में एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गयी. इसके बाद परिवार के लोगों की बेचैनी बढ़ गयी. लोगों की समझ में यह नहीं आ रहा था कि चारों ओर से घिरे पानी में प्रसव कैसे कराया जाये. वहां से निकलने के लिए एकमात्र सहारा नाव ही दिख रही थी.

बढ़ते जल स्तर के बीच परिवार के लोग प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को नाव के सहारे तटबंध से बाहर ले जाने का जोखिम नहीं उठाना चाह रहे थे, तब परिजनों ने वरीय अधिकारी को फोन किया. वरीय अधिकारी के निर्देश पर एसडीआरएफ की टीम मेडिकल टीम के साथ मौके पर पहुंची. इसके बाद मेडिकल टीम ने घर पर ही महिला का सुरक्षित प्रसव कराया. वहीं मौजहां में भी एक एक महिला का प्रसव कराया गया. जिला प्रशासन की इस पहल का बाढ़ प्रभावित परिवारों में प्रशंसा की जा रही है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें