Award: गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के निदेशकडॉक्टर ज्वाला प्रसाद को लंदन स्थित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में गुरुवार को महात्मा गांधी लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित किया गया है. इस मौके पर लंदन के मेयर, कोलंबिया की मिस वर्ल्ड, ऑस्ट्रेलिया के न्यायाधीश, सेशेल्स के पर्यटन मंत्री के अलावा कई अन्य लोग मौजूद थे. पहले भारत के दो अन्य हस्तियों धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ऊर्फ बागेश्वर धाम सरकार और गोपाल दास गौर को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. हर साल गांधी जयंती पर यह पुरस्कार विशिष्ट उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्ति को दिया जाता है. वर्ष 2024 का महात्मा गांधी पुरस्कार डॉक्टर ज्वाला प्रसाद को उनके उल्लेखनीय काम के लिए दिया गया है. मौजूदा समय में डॉक्टर ज्वाला प्रसाद केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के अधीन स्वायत्त संस्था गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के निदेशक हैं.
पिछले साल दिल्ली में आयी बाढ़ के बावजूद प्रसाद ने गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति में कई उल्लेखनीय काम किया. परिसर को सुंदर बनाने, आने वाले लोगों के लिए कई तरह की सुविधा मुहैया कराया और बच्चों को आकर्षित करने के लिए भी नयी पहल की शुरुआत की. पिछले साल भारत सरकार द्वारा चलाए गए कैंपेन 3.0 अभियान में संस्कृति मंत्रालय के तहत देशभर में कार्यरत टॉप 10 विभागों में गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति को जगह मिली. इस संस्थान के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपाध्यक्ष विजय गोयल हैं और उनके मार्गदर्शन में यह संस्थान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनो का भारत को साकार करने का कार्य कर रहा है.
कौन है ज्वाला प्रसाद
डॉक्टर ज्वाला प्रसाद नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, दिल्ली के रजिस्ट्रार रह चुके हैं. पूर्व में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिहार में डिप्टी रजिस्ट्रार, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली के कुलपति के विशेष कार्य अधिकारी, एवं डिप्टी रजिस्ट्रार एवं दिल्ली विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव भी रह चुके है. उनकी प्रारंभिक शिक्षा बेतिया जिले के सरस्वती विद्या मंदिर बरवत सेना में हुई. उसके बाद साइंस कॉलेज, पटना से 12वीं किया और फिर उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली गए और दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से बीए ऑनर्स संस्कृत एवं संस्कृत विभाग से एमए और पीएचडी की डिग्री ली. फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज में अध्यापन काम किया.
पुरस्कार लेने के उपरांत प्रसाद ने प्रभात खबर से फोन पर बातचीत में कहा कि सच्चे लगन और निष्ठा से यदि कार्य किया जाए तो व्यक्ति हर लक्ष्य हासिल कर सकता है. जब वह अपने गांव में रहते थे, तो उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह कभी बिहार से बाहर जा पाएंगे. लेकिन आज उन्हें लंदन में पुरस्कार ग्रहण करने का मौका मिला. उन्होंने कहा कि अच्छे कामों के लिये यदि पुरस्कार मिलता है, तो निश्चित रूप से और अधिक काम करने की प्रेरणा मिलती है. गौरतलब है कि इससे पहले उन्हें नेशन लाइव न्यूज़ द्वारा मेजेस्टी अवार्ड 2019 तथा ग्लोबल चैंबर्स ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर द्वारा दीन दयाल उपाध्याय लीडरशिप अवार्ड 2021 से भी सम्मानित किया जा चुका है. ज्वाला प्रसाद शिक्षा के क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी गैर सरकारी संगठन विद्या भारती से भी जुड़े हैं.