राज्य की नदियों में इस साल आयी बाढ़ से राज्य के 31 जिलों में करीब 1650 ग्रामीण सड़कों के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मिली है. इसमें सबसे अधिक संख्या सुपौल, दरभंगा और पश्चिम चंपारण जिले में है. हालांकि यह शुरुआती अनुमान है. इसकी संख्या में बढ़ोतरी की संभावना है. फिलहाल ग्रामीण कार्य विभाग सड़कों की स्थिति का आकलन कर रहा है. विभाग की तरफ से बाढ़ से प्रभावित सभी जिला के कनीय अभियंताओं से रिपोर्ट मांगी गयी है. साथ ही बाढ़ का पानी उतरते ही ग्रामीण सड़कों को अविलंब ठीक कराकर फिलहाल आवागमन लायक बनाने का निर्देश दिया गया है. इसके दूसरे चरण में सड़कों की ठीक से मरम्मत की जायेगी.
बाढ़ से 13 जिले थे प्रभावित
हाल ही में कोसी, गंडक, बागमती, महानंदा और उसकी सहायक नदियों में बाढ़ से करीब 20 जिले प्रभावित हुये हैं. इससे पहले गंगा, पुनपुन, सोन सहित दक्षिण बिहार की नदियों में बाढ़ से करीब 13 जिले प्रभावित हुये थे. बाढ़ के कारण नदियों का पानी ग्रामीण सड़कों पर पहुंचने से आवागमन प्रभावित हुआ था. साथ ही सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो गयी थीं. फिलहाल सोन और दक्षिण बिहार की नदियों का जलस्तर कम होने से ग्रामीण सड़कों से बाढ़ का पानी उतर चुका है. ऐसे में औरंगाबाद, रोहतास, जहानाबाद, अरवल, नवादा और गया के इलाके में ग्रामीण सड़कों को आवागमन लायक बनाया जा चुका है.
नदियों में दोबारा जलस्तर बढ़ने से अधिक नुकसान
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि कई नदियों का जलस्तर दोबारा बढ़ने से आवाजाही लायक बनायी गयी ग्रामीण सड़कों काे फिर से नुकसान पहुंचा है. ऐसी अधिकांश सड़कों गंगा नदी के इलाके में हैं. ऐसे में अब जलस्तर घटने और सड़कों से पानी उतरने के साथ ही फिर से सड़कों को ठीक करने का काम शुरू किया जायेगा.