Haryana Election: हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता विरोधी लहर को मात देकर लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के लिए प्रयासरत है, वहीं कांग्रेस को उम्मीद है कि एक दशक के लंबे अंतराल के बाद उसकी सत्ता में वापसी होगी.
Haryana Election: सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगी वोटिंग
चुनाव में दो करोड़ से अधिक मतदाता मतदान के पात्र हैं जिनमें 8,821 मतदाताओं की उम्र 100 साल से अधिक है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने बताया कि हरियाणा के सभी 90 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदान पांच अक्टूबर को सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगा. अधिकारियों के अनुसार कुल 20,629 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.
चुनावी मैदान में कुल 1030 उम्मीदवार
चुनावी मैदान में कुल 1031 उम्मीदवार हैं, जिनमें 101 महिलाएं हैं. प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (लाडवा), विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा (गढ़ी सांपला-किलोई), इनेलो के अभय सिंह चौटाला (ऐलनाबाद), जजपा के दुष्यंत चौटाला (उचाना कलां), भाजपा के अनिल विज (अंबाला कैंट) और ओपी धनखड़ (बादली) और कांग्रेस की विनेश फोगट (जुलाना) शामिल हैं. वहीं निर्दलीय उम्मीदवारों में सावित्री जिंदल (हिसार), रंजीत चौटाला (रानिया) और चित्रा सरवारा (अंबाला कैंट) शामिल हैं.
सार्वजनिक बैठक या रैली करने पर रोक
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि गुरुवार शाम छह बजे के बाद किसी भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार को सार्वजनिक बैठक या रैली करने की अनुमति नहीं होगी.
प्रचार समाप्त होने से कुछ घंटे पहले बीजेपी को झटका
शाम छह बजे चुनाव प्रचार समाप्त होने से कुछ घंटे पहले, प्रमुख दलों भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), इनेलो-बसपा और जजपा-आज़ाद समाज पार्टी ने रैलियां और रोड शो कर मतदाताओं को आकर्षित करने के प्रयास किए. इस बीच एक दिलचस्प घटनाक्रम में, वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व सांसद अशोक तंवर गुरुवार को महेंद्रगढ़ जिले में राहुल गांधी की रैली में कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस में शामिल होने से कुछ समय पहले वह भाजपा उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रहे थे. भाजपा ने अपने चुनाव प्रचार में डबल इंजन सरकार के काम और प्रदर्शन पर जोर दिया. इसके साथ ही उसने आरक्षण, भ्रष्टाचार, तुष्टीकरण और वंशवाद की राजनीति जैसे मुद्दों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा. महिलाओं, युवाओं, किसानों और गरीबों से जुड़े मुद्दे दोनों मुख्य दलों के चुनावी घोषणापत्रों का अहम हिस्सा हैं.
प्रचार के आखिरी दिन बीजेपी-कांग्रेस ने जमकर लगाया जोर
प्रचार के आखिरी दिन कांग्रेस के राहुल गांधी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा, भाजपा के योगी आदित्यनाथ और नायब सिंह सैनी, जजपा के दुष्यंत चौटाला और इनेलो के अभय सिंह चौटाला उन प्रमुख नेताओं में थे, जिन्होंने अपनी-अपनी पार्टियों के लिए प्रचार किया. भाजपा के अभियान का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया और उन्होंने चार रैलियों को संबोधित किया. मोदी ने अपने भाषणों में कई मुद्दों को लेकर कांग्रेस पर हमला किया और कहा कि उन्होंने राम मंदिर मुद्दा सहित देश के लिए महत्वपूर्ण हर मुद्दे को उलझाए रखा.