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जिले में पिछले माह 10 हजार से अधिक लोगों ने ई-टेलीमेडिसिन का उठाया लाभ

जिले के सभी प्रखंडों के बुधवार को गांधी जयंती के उपलक्ष्य में सार्वजनिक अवकाश होने के कारण गुरुवार को ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) सत्र के का आयोजन किया गया

टेलीकंस्लटेशन- सुदूर ग्रामीण इलाकों में बारिश के मौसम में आसान हुई जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच

किशनगंज.जिले के सभी प्रखंडों के बुधवार को गांधी जयंती के उपलक्ष्य में सार्वजनिक अवकाश होने के कारण गुरुवार को ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) सत्र के का आयोजन किया गया | इस दौरान गर्भवती व धात्री महिलाओं, किशोरियों एवं बच्चों को स्वास्थ्य एवं पोषण सुविधाओं के साथ परामर्श एवं गर्भवती की हीमोग्लोबिन, बीपी, वजन आदि की जांच की गयी. सत्र में मौजूद गर्भवती, धात्री, किशोरी एवं बच्चों की माताओं को उम्र के अनुसार पोषक तत्वों की आवश्यकता, आहार को संतुलित बनाने, उपलब्ध खाद्य सामग्री को मात्रा के हिसाब से सेवन करने, सही तरीके से स्तनपान, स्वस्थ पोषण व्यवहार, गांव- घर में उपलब्ध संसाधनों में से पौष्टिक आहार तैयार करने, पोषण वाटिका के महत्व इत्यादि के संबंध में विस्तार से बताया गया. साथ ही राज्य सरकार के सात निश्चय-2 कार्यक्रम के तहत सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में टेलीमेडिसिन सेवाओं को ज्यादा प्रभावी बनाने व इसका लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से प्रत्येक दिन टेलीकंस्लटेशन से संबंधित विशेष अभियान संचालित किया जाता है.

गुणवत्तापूर्ण सेवाओं की आम लोगों तक पहुंच आसान होती है

सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि ई-संजीवनी एक वेब आधारित व्यापक टेलीमिडिसिन सेवा है. यह ग्रामीण क्षेत्र के वंचित समुदायों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित कराती है. उपलब्ध चिकित्सकीय सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार, बुनियादी ढांचे व मानव संसाधन की कमी की समस्या से निपटने में ये अचूक रूप से लाभकारी है. टेलीमेडिसिन में चिकित्सा विशेषज्ञ वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं.

ई संजीवनी सेवाएं लोगों के लिये बेहद उपयोगी हैं

जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने बताया कि एप के इस्तेमाल से मरीज इलाज के लिये अस्पताल आने की झंझट से मुक्त रहते हैं. लोग बारिश के मौसम में घर बैठे विशेषज्ञ चिकित्सकों से अपने रोग के संबंध में जरूरी परामर्श ले सकते हैं. इससे आम लोगों को भीड़-भाड़ सहित अन्य वजहों से संक्रमण के खतरों का भी सामना नहीं करना पड़ता. अस्पताल आने-जाने की मजबूरी, लंबी कतार में खड़े रहने व चिकित्सक से समय लेने में होने वाली दिक्कतें स्वत: खत्म हो जाती है. जिले में फिलहाल 16 हब व 289 स्पोक्स स्थापित हैं. ज़िले में आरोग्य दिवस के दिन लगभग 300 के करीब मरीजों को सेवा का लाभ दिया गया है. इससे अनावश्यक ख़र्च नहीं होती व समय की भी बचत होती है . टेली मेडिसिन सेवाओं के जरिये मरीज वीडियो कांफ्रेसिंग से अपनी समस्या हब में बैठे चिकित्सकों के पास रख सकते हैं. चिकित्सकों से उन्हें उचित परामर्श व दवा के लिए सुझाव दिया जाता है. उसके साथ उन्हें नि:शुल्क दवा भी दी जाती है. ——————————

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सिंबर माह में कुल 10 हजार से अधिक लोगों ने ई-टेलीमेडिसिन का उठाया लाभ- सीएस

सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि वीएचएसएनडी सत्र के दौरान अब ग्रामीणों को ई-टेलीमेडिसिन की सेवा भी उपलब्ध कराई जा रही है. खासकर गर्मी के मौसम में सुदूर ग्रामीण इलाकों के लाभार्थियों के लिए ई-टेलीमेडिसिन काफी सुविधाजनक साबित हुआ.सदर प्रखंड समेत जिले में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां से स्वास्थ्य केंद्रों की दूरी ज्यादा होने के साथ ही हर समय चिकित्सीय सलाह लेना मुश्किल लगता था. लेकिन अब तो घर बैठे फोन करके भी सलाह या दवा मिलनी शुरू हो चुकी है. ऐसे में टेलीमेडिसीन यहां के लोगों के लिए वास्तव में संजीवनी साबित हो रही है. लाभार्थी महिलाओं को अब चिकित्सीय परामर्श के लिए पीएचसी या सदर अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ रही है. अब वो ई-टेलीमेडिसिन के मध्यम से ऑनलाइन चिकित्सकों को अपनी बीमारी और परेशानियों से अवगत कराकर उचित परामर्श और इलाज ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि सितंबर माह में कुल 10 हजार से अधिक लोगों ने ई-टेलीमेडिसिन के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधा का लाभ उठाया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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