गोपालगंज. गोपालगंज का 52वां स्थापना दिवस भव्यता और उल्लास के साथ मनाया गया. इस अवसर पर आंबेडकर भवन में आयोजित संध्या सांस्कृतिक कार्यक्रम में लोक कलाकारों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. कार्यक्रम में 7:00 बजे संध्या में बिहार सरकार के मंत्री कृष्णनंदन पासवान ने दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया. इस विशेष मौके पर अपर समाहर्ता आशीष कुमार सिन्हा, आपदा प्रबंधन के अपर समाहर्ता सादुल हसन, अनुमंडल पदाधिकारी डॉ प्रदीप कुमार और अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे. सांस्कृतिक कार्यक्रम में विभिन्न कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीत लिया. कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण “मैं हूं गोपालगंज ” नामक वृत्तचित्र था, जो गोपालगंज के इतिहास और वर्तमान का जीवंत प्रदर्शन करता था. इस वृत्तचित्र ने गोपालगंज की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को प्रस्तुत किया. वहीं, सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत करण सिंह, निधि कुमारी और अनूप कुमार द्वारा स्वच्छता गीत की प्रस्तुति से हुई, जिसने उपस्थित सभी को जागरूक किया. इसके बाद, स्थानीय कलाकारों के सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ. वीएम इंटर कॉलेज की छात्रा आराध्या कुमारी ने वैष्णो जन ते … गीत की मनमोहक प्रस्तुति दी. हिमानी कुमारी और उनके साथी कलाकारों ने कहवां में राम जी जनमले (सोहर गीत) प्रस्तुत किया, जबकि पूजा कुमारी ने फेरो ना नजरिया (गजल) पेश किया. इन प्रस्तुतियों ने सभी दर्शकों का दिल जीत लिया. वहीं सरस्वती संगीत कला केंद्र ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रथम स्थान प्राप्त किया और उनके कलाकारों ने गोदना गीत की शानदार प्रस्तुति दी. अभिरुचि संस्था से मनीष एवं साथी कलाकारों ने दे दी हमें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल… प्रस्तुत कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की. इसी संस्था के राजेश कुमार मिश्रा ने इश्क छुपता नहीं छुपाने से… की लाजवाब प्रस्तुति दी. एसएस बालिका उच्च विद्यालय गोपालगंज की छात्राओं ने मनमोहन समूह नृत्य प्रस्तुत किया, जिसे द्वितीय पुरस्कार से नवाजा गया. जमुनहां उच्च विद्यालय के त्रिकांत मणि शिक्षक ने आ भी जाओ कि जिंदगी कम है… गीत गाकर सभी को प्रभावित किया. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय गोपालगंज की छात्राओं ने भी अपनी शानदार नृत्य की प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया. जूही कुमारी ने दिल में एक लहर-सी उठी है अभी… गीत गाया. इसके लिए उन्हें तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया. इसके बाद, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय हथुआ की छात्राओं ने ओरी चिरैया नृत्य की प्रस्तुति दी. कार्यक्रम में शिवम ओझा ने यशोदा मैया सोहर गीत गाकर माहौल को और भी संगीतमय बना दिया. यह सांस्कृतिक कार्यक्रम न केवल गोपालगंज के विकास की कहानी को दर्शाता है, बल्कि यह स्थानीय प्रतिभाओं को भी पहचानने का एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करता है. कार्यक्रम के दौरान सभी उपस्थित लोगों ने मिलकर गोपालगंज की सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और उसे आगे बढ़ाने का संकल्प लिया. इस प्रकार का आयोजन निश्चित रूप से आगे भी आयोजित किया जाएगा, ताकि शहर की संस्कृति और कलाओं को संरक्षित रखा जा सके. कलाकारों को किया गया पुरस्कृत यह पहली बार हुआ है कि जिले की संपूर्ण विकास यात्रा को पर्दे पर दिखाया गया है.| सृष्टि की उत्पत्ति से अब तक गोपालगंज की जीवन यात्रा का संपूर्ण चित्रण इस वृत्तचित्र में किया गया था. शोध संकलन परिकल्पना एवं लेखन धनंजय चौबे ने किया था. गीतकार थे शशिकांत आर्य, धनंजय चौबे, राजू बाबा, नृत्य सुषमा श्रीवास्तव, संगीत अनुप शंभुनाथ, स्वर शशिकांत आर्य, अनुप शंभुनाथ, जुही कुमारी, राजेश मिश्रा, निर्देशक धनंजय चौबे, अनिकेत मिश्रा, राजू बाबा, गीतकार पारस बिहारी को पुरस्कृत किया गया.
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