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Bokaro News: मां शैलपुत्री की हुई आराधना, आज पूजी जायेंगी ब्रह्मचारिणी देवी

Bokaro News: बोकारो समेत आसपास का माहौल हुआ भक्तिमय, विभिन्न पूजा पंडालों व घरों में की गयी कलश स्थापना

बोकारो, घर ही में माई के बोलाइब, मंदिर बनवाइब हो. मैया लाली रे चुनरिया…मां दुर्गा कैलाश से चलकर आम लोगों की नगरी में आ गयी हैं. गुरुवार को मां दुर्गा के पहले रूप शैलपुत्री की आराधना हुई. शुक्रवार को ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा की जायेगी. एक हाथ में कमल व एक हाथ में त्रिशुल लिये मां शैलपुत्री की आराधना के साथ नवरात्र की शुरुआत हुई. बोकारो के विभिन्न पूजा पंडाल व निजी तौर पर लोगों ने घर में कलश स्थापना कर मां को आमंत्रित किया. मां की वंदना और स्तुति की. काम-क्रोध का नाश व यश-कृति की कामना की गयी. नवरात्र को लेकर बोकारो का नजारा भक्तिमय दिखा. हर क्षेत्र में मां की भक्ति करते लोग दिखे. कोयल की पहली बोली व सूर्य की पहली किरण के साथ ही लोग मां की भक्ति में लीन दिखे. घर व सार्वजनिक स्थल में कलश स्थापना के लिए लोग नदी-तालाब पोखरा से श्रद्धायुक्त जल लेकर घर-मंदिर पहुंचे. पुजारी के सहयोग से यजमानों ने मंत्रोच्चारण के बीच विधिवत मा की आराधना की.

…शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोऽस्तुते

सर्वकल्याण के लिए सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोऽस्तुते ।। मंत्र का जाप हुआ. बाधा मुक्ति व धन- पुत्रादि प्राप्ति के लिए सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन-धान्य सुतान्वित । मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय ।। मंत्र का उच्चारण हुआ. आरोग्य व सौभाग्य प्राप्ति के लिए”””” देहि सौभाग्यमारोग्य देहि मे परमं सुखम् । रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजही…”””” मंत्र का जाप लोगों ने किया. विभिन्न मंदिरों में मंत्रोच्चारण के लिए ध्वनि विस्तारक का प्रयोग किया गया. मंत्रोच्चारण की कलबद्ध आवाज से क्या शहर, क्या गांव, क्या घर व क्या सड़क हर जगह का माहौल भक्तिमय दिखा. विधि-विधान के बाद मां की पारंपरिक गीत भक्तों की कान में मिठास घोल रही थी.

महादेव को पति के रूप में पाने के लिए मां ने की थी कठोर तपस्या

नवरात्र की द्वितीया तिथि को मां दुर्गा के देवी ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा करने का विधान है. मा ब्रह्मचारिणी के दाहिने हाथ में माला व बाएं हाथ में कमंडल है. शास्त्रों में बताया गया है कि मां दुर्गा ने पार्वती के रूप में पर्वतराज के यहां पुत्री बनकर जन्म लिया और महर्षि नारद के कहने पर अपने जीवन में भगवान महादेव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी. हजारों वर्षों तक कठिन तपस्या के कारण नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा, इसी तप के प्रतीक के रूप में नवरात्र के दूसरे दिन इसी रूप की पूजा व स्तवन होगी.

बोकारो शहर के सेक्टर वन, टू सी, तीन बंग भारती, चक्की मोड़, सेक्टर चार में सिटी सेंटर, मारुति शोरूम, सेक्टर पांच सी मैदान, सेक्टर छह डी, बी, सेक्टर नौ पटेल चौक, वैशाली मोड़, सेक्टर 12 ए व ई समेत चास, चंदनकियारी, बालीडीह, जैनामोड़, कसमार, पिंड्राजोरा, पेटरवार समेत तमाम ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में नवरात्र की भक्तिमय माहौल देखा गया.

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