हटगम्हरिया.
मझगांव प्रखंड के गुड़गांव में गुरुवार को कुम्हार जाति के लोगों ने सामाजिक पिछड़ेपन पर बैठक की. यहां समाज के निरंजन बेहरा ने कहा कि कुम्हार जाति लोग आज भी शिक्षा से कोसों दूर हैं. देश की आजादी के 75 वर्ष बाद भी अशिक्षित हैं. इनका सही तरह से सामाजिक और शैक्षिक विकास नहीं हो पाया है. शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है. आज के समय में शिक्षा बहुत जरूरी है. शिक्षा समाज का दर्पण होता है. उन्होंने कहा कि इंटरनेट के भौतिकवादी युग में कुम्हार जाति के लोग मेहनतकश होने के बावजूद शिक्षा से काफी दूर हैं. खासकर गांव-देहातों में रहने वाले कुम्हार समाज के लोगों के पास गरीबी है. पुश्तैनी पेशा (हण्डी निर्माण) को आधुनिक ज़माने का स्टील प्लास्टिक व फाइबर ने जकड़ लिया है. कुम्हारों के पास खेती-किसानी की जमीन नहीं है. शहरी व इंडस्ट्री, माइनिंग क्षेत्र में रोजगार से जुड़े लौग ही विकास को समझने का प्रयास किया है. गांव-देहातों में जीवन यापन करने वाले कुम्हार आज भी पुराने काल के जीवन जीने के लिये अभिशप्त हैं. अधिकतर लोग केवल जिन्दा रहने के लिए जी रहे हैं.शिक्षा के अभाव में अधिकांश लोग मजदूरी करने को विवश हैं. शिक्षा के बिना विकास की कल्पना करना बेमानी है. उन्होंने जोर देकर कहा कि लोग अपने बच्चों को उचित शिक्षा देने का हर सम्भव प्रयास करें, तभी समाज का चहुंमुखी विकास होगा. अपनी संतानों को शिक्षित करें. यह आज के समय की मांग है. पढ़- लिख कर बच्चे सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं. इसकी जानकारी समाज के लोगों को दे सकते हैं. बैठक को मुख्य रूप से रमेश चंद्र बेहरा, अर्जुन कुमार नाइको, घासीराम कुम्हार व मणिकर कुम्हार ने भी सम्बोधित किया.
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