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स्मार्ट प्रीपेड मीटर व नॉर्मल मीटर का टैरीफ एक सामान : कार्यपालक अभियंता विद्युत

स्मार्ट प्रीपेड मीटर व नॉर्मल मीटर का टैरीफ एक सामान : कार्यपालक अभियंता विद्युत

सभी उपभोक्ताओं के परिसर में निशुल्क लगाया जा रहा है स्मार्ट प्रीपेड मीटर किसी भी प्रकार का अवरोध उत्पन्न नहीं करने की अपील सहरसा . विद्युत आपूर्ति प्रमंडल सहरसा के तहत बारह प्रशाखा हैं व सभी उपभोक्ताओ के परिसर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का कार्य प्रगति पर है. कार्यपालक विद्युत अभियंता अमित कुमार ने बताया कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर सभी उपभोक्ताओं के परिसर में निशुल्क लगाया जा रहा है व मीटर लगाते समय कर्मियों का सहयोग करें. किसी भी प्रकार का अवरोध उत्पन्न नहीं करें. उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर पहली बार मीटर रिचार्ज करने के लिए मैसेज प्राप्त होने के बाद दो दिनों का समय दिया जाता है. बैलेंस शून्य या निगेटिव होने पर उपभोक्ता को एसएमएस के माध्यम से रिचार्ज करने के लिए सुचना दी जाती है. उपभोक्ता द्वारा रिचार्ज नहीं करने पर वे दो दिनों तक बिजली का उपभोग कर सकते हैं. इसके बाद भी रिचार्ज नहीं करने पर तीसरे दिन केवल कार्य दिवस को सुबह 10 बजे से दिन के एक बजे के बीच ही बिजली स्वतः काट जाती है. साथ ही रिचार्ज होने के बाद बिजली खुद चालू हो जाती है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित छुट्टी व रविवार के दिन बिजली नहीं काटी जाती है. रात में भी विद्युत विभाग द्वारा बिजली नहीं काटी जाती है. स्मार्ट प्रीपेड मीटर व नॉर्मल मीटर का टैरीफ एक सामान है. उपभोक्ता किसी भी भ्रांति का शिकार नहीं हों. स्मार्ट मीटर से संबंधित एप के माध्यम से उपभोक्ता दैनिक, साप्ताहिक व मासिक बिजली खपत की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं. स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगे उपभोक्ता को बिजली बिल जमा करने के लिए बिजली कार्यालय काउंटर पर जाने की आवश्यकता भी नहीं है. उपभोक्ता ऑनलाइन के माध्यम से बिजली बिल जमा कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्र में कुल 40 हजार 846 एवं ग्रामीण क्षेत्र मे एक लाख 35 हजार 74 उपभोक्ता हैं. कार्यपालक विद्युत अभियंता ने उपभोक्ताओं से आग्रह किया कि स्मार्ट मीटर बदलने के दौरान सहयोग करें. उक्त कार्यों में किसी भी उपभोक्ताओं के द्वारा बाधा उत्पन्न किया जाता है तो बिहार विद्युत आपूर्ति संहिता की धारा 8.2 एवं 8.6 (सी) के तहत्त कंपनी हित में कर्तव्य निर्वहन का उल्लंघन मानते हुए परिसर की विद्युत आपूर्ति को काटते सरकारी कार्य में बाधा डालने के विरूद्ध कानूनी कार्यवाई की जा सकती है.

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