ग्रामीणों को मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, एनक्वास प्रमाणीकरण से सेवाओं की गुणवत्ता में होगा सुधार: सीएस
कोचाधामन.जिले में ग्रामीणों को नजदीकी स्वास्थ्य संस्थानों में बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैय्या कराने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) के माध्यम से लोगों को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध कराने की तैयारी चल रही है.जिसमे कोचाधामन प्रखंड के अंतर्गत स्थित काशीबाड़ी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्वास) प्रमाणन प्राप्त करने के लिए तैयारियां जोरों पर हैं. इस प्रमाणन प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न करने के लिए जिला स्तर के उच्चाधिकारियों द्वारा नियमित निरीक्षण और अनुश्रवण किया जा रहा है. एनक्वास प्रमाणन का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी उन्नत स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकें.सिविल सर्जन डॉ रजेश कुमार ने बताया की एनक्वास प्रमाणन स्वास्थ्य सेवाओं में उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार के द्वारा लागू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है. इसका उद्देश्य है कि स्वास्थ्य केंद्रों में दी जाने वाली सेवाओं को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जाए, जिससे नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं का सर्वोत्तम लाभ मिल सके. प्रमाणन के तहत विभिन्न मानकों पर केंद्रों का मूल्यांकन किया जाता है, जिनमें स्वच्छता, सेवा की तत्परता, रोगियों के लिए सुविधाएं, चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता, स्टाफ की कुशलता, और रोगियों की संतुष्टि शामिल हैं. यदि कोई स्वास्थ्य केंद्र एनक्वास प्रमाणन प्राप्त कर लेता है, तो इसका मतलब है कि उस केंद्र पर दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाएं उच्च गुणवत्ता की हैं और वहां इलाज के लिए आने वाले रोगियों को सर्वश्रेष्ठ देखभाल मिलेगी.
काशीबाड़ी एचडब्ल्यूसी की तैयारी जोरों पर
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि जिले के कोचाधामन प्रखंड के के काशीबाड़ी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को एनक्वास प्रमाणन दिलाने की प्रक्रिया में जिला पदाधिकारी सर विशाल राज के दिशा निर्देश में स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी एवं सहयोगी संस्था के प्रतिनिधि विशेष रूप से सक्रिय हैं. नियमित निरीक्षणों के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि केंद्र सभी मानकों पर खरा उतरे और आवश्यक सुविधाओं में कोई कमी न हो. अधिकारियों का मुख्य ध्यान इस बात पर है कि केंद्र में साफ-सफाई से लेकर चिकित्सा सुविधाओं तक हर पहलू पर ध्यान दिया जाए, जिससे एनक्वास प्रमाणन के लिए सभी शर्तें पूरी की जा सकें.इस दौरान केंद्र के कर्मचारियों को भी विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे एनक्वास के मानकों को समझ सकें और उनके अनुसार अपनी सेवाएं प्रदान कर सकें. कर्मचारियों की कुशलता और रोगियों के साथ उनके व्यवहार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
कार्यक्रम की सफलता की दिशा में कदम
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया की सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को 14 तरह के डायगोनेस्टिक सेवाओं का लाभ मिलेगा. 150 जरूरी दवाओं में से फिलहाल एचडब्ल्यूसी में 90 से 100 तरह की दवाएं मिल रही है. बताया कि आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का सफल संचालन स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकताओं में शुमार है. सुदूरवर्ती इलाकों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित कराने व विभिन्न बीमारियों के इलाज में होने वाले लोगों के खर्च को सीमित करने के उद्देश्य से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सफल संचालन पर विशेष जोर दिया जा रहा है. एचडब्लूसी में प्रारंभिक अवस्था में गंभीर रोगों का पता लगाने, इसका उपचार सुनिश्चित कराने, मातृ-शिशु संबंधी स्वास्थ्य सेवाएं सहित विभिन्न एनसीडी रोगों पर नियंत्रण संबंधी उपायों को मजबूती मिली है.जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का यह प्रयास है कि एनक्वास प्रमाणन की प्रक्रिया जल्द से जल्द सफलतापूर्वक पूरी हो और काशीबाड़ी एचडब्ल्यूसी को एक प्रमाणीकृत स्वास्थ्य केंद्र के रूप में स्थापित किया जा सके. इसके लिए केंद्र में नई तकनीकों और सेवाओं को भी जोड़ा जा रहा है, ताकि आने वाले समय में यहां दी जाने वाली सुविधाएं और अधिक प्रभावी हो सकें.इस कार्यक्रम की सफलता से न केवल काशीबाड़ी गांव, बल्कि आसपास के क्षेत्रों के लोग भी लाभान्वित होंगे. यह केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक आदर्श मॉडल बनेगा, जो दिखाएगा कि किस प्रकार छोटे स्वास्थ्य केंद्रों में भी उच्च गुणवत्ता की सेवाएं प्रदान की जा सकती हैं.
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