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Begusarai News : मां ब्रह्मचारिणी की पूजा कर श्रद्धालुओं ने मांगी सुख व समृद्धि

Begusarai News : शारदीय नवरात्र को लेकर जिले के चप्पा-चप्पा भक्ति में डूबा गया है. भक्ति गीतों से इलाका गुंजायमान हो रहा है.

बेगूसराय. शारदीय नवरात्र को लेकर जिले के चप्पा-चप्पा भक्ति में डूबा गया है. भक्ति गीतों से इलाका गुंजायमान हो रहा है. पूजा समिति द्वारा आकर्षक ढंग से पंडाल निर्माण कराये जा रहे हैं. नवरात्र के दूसरे दिन शुक्रवार को मां मां ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा-अर्चना की गयी. डंडारी संवाददाता के अनुसार शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन शुक्रवार को मां ब्रह्मचारिणी की आस्थापूर्वक भक्तों ने पूजा अर्चना की. यह मां दुर्गा का दूसरा स्वरूप और नौ शक्तियों में दूसरी मुख्य शक्ति है. इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना करने से भक्तों के सभी सकल मनोरथ पूर्ण हो जाते हैं. साथ ही घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली भी आती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी ब्रह्मचारिणी साक्षात ब्रह्म का स्वरूप है अर्थात तपस्या का मूर्तिमान रूप है. ब्रह्म का अर्थ तपस्या होता है. वहीं चारिणी का अर्थ आचरण करने वाली माना जाता है. कहा जाता है कि माता ब्रह्मचारिणी हमें यह संदेश देती है कि जीवन में बिना तपस्या अर्थात कठोर परिश्रम किए बिना सफलता प्राप्त करना असंभव है. अतः समस्त ध्यान स्वाधिष्ठान करने से यह शक्ति बलवान होती है. जिससे सर्वत्र सिद्धि व विजय की प्राप्ति होती है. दुर्गापूजा को लेकर तेतरी, डंडारी, बांक, बलहा, सिसौनी आदि गांवों में उत्सवी माहौल है. नावकोठी संवाददाता के अनुसार प्रखंड के आठ दुर्गा मंदिरों में दुर्गा की द्वितीय स्वरूप ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना शुक्रवार को वैदिक विधान से किया गया.एपीएस प्लस टू स्कूल नावकोठी के क्रीड़ा मैदान, पुरानी दुर्गा स्थान नावकोठी, चांदनी चौक नावकोठी, डफरपुर पंचायत के वृंदावन, छतौना, पहसारा पूर्वी पंचायत के पीरनगर, विष्णुपुर पंचायत के गौरीपुर तथा देवपुरा में देवी के द्वितीय स्वरूप की पूजा अर्चना किया गया. पंडित रतीश चंद्र पाठक ने बताया कि मां दुर्गा की नवशक्तियों का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी है. ब्रह्म का अर्थ तपस्या है. ब्रह्मचारिणी अर्थात तप का आचरण करने वाली. पूर्व जन्म में पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री के रूप में उत्पन्न हुई थी. देवर्षि नारद के कहने पर देवाधिदेव शंकर को पाने के लिए इन्होंने कठिन तपश्चर्या की. इस तपश्चर्या के कारण ही इसे तपश्चारिणी अर्थात ब्रह्मचारिणी के नाम की ख्याति प्राप्त हुई. इसकी उपासना से साधक को आदि, अनादि रोगों, यम, नियम के बंधन से मुक्ति मिलती है. दुर्गा सप्तशती के पाठ से वातावरण भक्तिमय हो गया. या देवी सर्वभूतेषु ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः के मंत्रोच्चारण से वातावरण गुंजायमान हो उठा

दुर्गापूजा में डीजे बजाने पर रहेगा प्रतिबंध, अलर्ट मोड में होगी निगरानी :

डंडारी. दुर्गापूजा को लेकर स्थानीय पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड में है शुक्रवार को भी थानाध्यक्ष विवेक कुमार ने विभिन्न दुर्गा मंदिर समिति सदस्यों से मिलकर स्पष्ट कहा कि पर्व के मौके पर खुशियों को ग्रहण लगने वाले को किसी भी सूरत में नहीं बक्शा जायेगा पर्व के दौरान कोई भी संदिग्ध व्यक्ति या वस्तु की सूचना मिले तो तुरंत इसकी सूचना थाने को दें. असामाजिक तत्वों को चिन्हित कर कार्रवाई की जा रही है. पूजा कमेटियों को लाइसेंस निर्गत किए जा रहे हैं. किसी भी कीमत पर डीजे नहीं बजेंगे. इसकी निगरानी अलर्ट मोड पर होगी. पूजा पंडाल में सिर्फ भक्ति गीत ही बजाने की सलाह दी. सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट ना करें और ना ही कोई उसपर जवाब दें. अफवाहों पर ध्यान नहीं दें. साथ ही जागरण के नाम पर आर्केस्ट्रा पर भी प्रतिबंध है अगर कोई आदेश का उल्लंघन करता है तो दुर्गापूजा कमेटी इसके लिए जिम्मेदार होगें और कार्रवाई के अधीन होंगे. पूजा आयोजन स्थल पर पंडाल के आसपास नंगी तार का इस्तेमाल कतई नहीं करें. आग पर काबू पाने के लिए आयोजन स्थल के आसपास बालू की व्यवस्था रखने की भी सलाह दी. पुलिस आपकी सुरक्षा में 24 घंटे तत्पर है.

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