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टीएमसीपी नेता आशीष पांडेय को तीन दिनों की सीबीआइ हिरासत

सुनवाई के दौरान सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आरोपी को तीन दिनों की सीबीआइ हिरासत में रखे जाने का निर्देश दिया.

कोलकाता. आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में वित्तीय अनियमितता की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) द्वारा गिरफ्तार किये गये तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) के नेता व हॉस्पिटल के हाउस स्टॉफ आशीष पांडेय (37) को शुक्रवार को अलीपुर अदालत स्थित स्पेशल सीबीआइ कोर्ट में पेश किया गया. सुनवाई के दौरान सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आरोपी को तीन दिनों की सीबीआइ हिरासत में रखे जाने का निर्देश दिया. पांडेय मामले में पहले से ही गिरफ्तार मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का करीबी माना जाता है. अदालत में सुनवाई के दौरान सीबीआइ अधिवक्ता की ओर से आरोप लगाया गया कि घोष के साथ मिलकर पांडेय ने अस्पताल के टेंडर को अवैध तरीके से अन्य लोगों को दिलवाया. उस पर घूस लेकर व अवैध तरीके से अस्पताल के हाउस स्टॉफ व कर्मचारियों की नियुक्तियों में शामिल होने का भी आरोप है. साथ ही मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों, जूनियर डॉक्टरों को धमकी देने व रंगदारी वसूलने का भी आरोप है. इतना ही नहीं, उस पर अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सकों को भी उसकी बात नहीं मानने पर दूसरे जगह स्थानांतरित करने की धमकी देने के आरोप लगे हैं. इस मामले में गिरफ्तार घोष के लिए रुपये वसूलने का आरोप भी उसी पर लगा है. सीबीआइ की ओर से आशंका जतायी गयी है कि अस्पताल में पांडेय की हाउस स्टॉफ के तौर पर हुई नियुक्ति भी अवैध तरीके से हुई, जिसकी जांच जरूरी है. वहीं, आशीष पांडेय के अधिवक्ता ने सवाल किया कि क्या केंद्रीय जांच एजेंसी के पास उनके मुवक्किल पर लगाये गये आरोपों को लेकर ठोस तथ्य हैं? इसके बाद सीबीआइ की ओर से न्यायाधीश को मामले की जांच से संबंधित जानकारी और आशीष को लेकर मिली भूमिका के बारे बताया गया. सीबीआइ की ओर से कहा गया कि जांच में मिले तथ्यों के आधार पर पांडेय को हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी है. हालांकि, पांडेय के अधिवक्ता ने इसका विरोध किया. दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने आरोपी को तीन दिनों की सीबीआइ हिरासत में रखे जाने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई आगामी सोमवार को होगी. सीबीआइ पांडेय की गिरफ्तारी के साथ ही उसके मोबाइल फोन, लैपटॉप समेत सात चीजों को जब्त कर चुकी है. मोबाइल व लैपटॉप की जांच की जा रही है. कैसे हुई गिरफ्तारी : आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनियमितता के मामले में मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष (53) के अलावा उनके साथी विप्लव सिन्हा (52), सुमन हाजरा (46) और अफसर अली (44) को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. चारों से पूछताछ में सीबीआइ को कई अहम जानकारी मिली थी. जांच में घोष के करीबी माने जाने वाले आशीष पांडेय के नाम का पता चला था. जिसके बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ने करीब चार बार उससे पूछताछ की गयी. गत गुरुवार को भी पूछताछ के लिए उसे सीबीआइ कार्यालय बुलाया गया, जहां उसके बयान में विसंगतियां मिलते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया. आरजी कर अस्पताल के पूर्व उप अधीक्षक अख्तर अली ने पहले हॉस्पिटल में वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया था. उसके बाद मामले की जांच के तहत राज्य पुलिस ने स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) का गठन किया. बाद में कलकत्ता हाइकोर्ट के निर्देश पर मामले की जांच का जिम्मा सीबीआइ ने संभाला. प्रवर्तन निदेशालय (इडी) भी उक्त मामल में धनशोधन पहलू की जांच कर रहा है. जूनियर महिला चिकित्सक की मौत मामले में भी आशीष का नाम सामने आया था : गत नौ अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के इमरजेंसी बिल्डिंग के चौथे तल पर स्थित सेमिनार हॉल से एक जूनियर महिला चिकित्सक की लाश मिली थी. उस मामले में भी आशीष पांडेय का नाम सामने आ चुका है. सोशल मीडिया पर एक तस्वीर भी वायरल हुई थी (जिसकी सत्यता की पुष्टि प्रभात खबर ने नहीं है), जिसमें चिकित्सक की लाश मिलने के बाद घटनास्थल पर पांडेय भी देखा गया था. सीबीआइ को जांच में यह भी पता चला था कि घटना वाले दिन आशीष सॉल्टलेक के एक होटल में ठहरा था. मोबाइल एप के जरिये होटल में बुकिंग करायी गयी थी. उसने 10 अगस्त को होटल छोड़ा था. सीबीआइ अधिकारी उस मामले में भी उसके होटल में ठहरने का कारण व घटना के पहले और बाद की उसकी हर गतिविधियों का भी पता लगाना चाहते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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