रामनरेश तिवारी, (छतरपुर-पाटन) : छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में छतरपुर के अलावा और भी तीन प्रखंड आते हैं. इनमें पाटन, पड़वा व नौडीहा के नाम शामिल हैं. यह विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. सिंचाई व पलायन इस क्षेत्र की मुख्य समस्या है. छतरपुर विधानसभा सीट 1977 में अस्तित्व में आयी. पहली बार जोरावर राम विधायक चुने गये. इसके बाद 1980 व 1985 में लगातार दो बार राधाकृष्ण किशोर विधायक चुने गये. 1990 में जनता दल से लक्ष्मण राम विधायक चुने गये.
राधाकृष्ण किशोर 5 बार यहां से रहे हैं विधायक
1995 में लक्ष्मण राम को हरा कर पुन: राधाकृष्ण किशोर विधायक चुने गये. 2000 में मनोज कुमार विधायक बने. फिर 2004 में जदयू के टिकट पर राधाकृष्ण किशोर चौथी बार विधायक चुने गये. 2009 में जदयू के टिकट पर सुधा चौधरी विधायक बनीं. 2014 में भाजपा के टिकट पर राधाकृष्ण किशोर पांचवीं बार विधायक चुने गये. वर्ष 2019 में पुष्पा देवी विधायक बनीं. भाजपा लगातार दूसरी बार यह सीट जीतने में सफल रही. वर्ष 1977 के पहले यह क्षेत्र लेसलीगंज विधानसभा क्षेत्र में आता था. 1977 में छतरपुर विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया. उसी वक्त इस विधानसभा सीट को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया. छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,16,061 मतदाता हैं. इनमें 1,62,627 पुरुष और 1,53,434 महिला मतदाता शामिल हैं.
हर क्षेत्र में तेजी से किया गया है विकास : विधायक
विधायक पुष्पा देवी ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र में हर क्षेत्र में काम हुआ है. विधायक निधि से लोगों को पेयजल की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है. सिंचाई के लिए तालाब निर्माण, डीप बोरिंग व छोटी परियोजना पर काम किया गया है. विस क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाया गया. सुदूर इलाकों तक आवागमन सुलभ कराया गया. आजादी के बाद जिन इलाकों में बिजली नहीं पहुंची थी, वैसे इलाकों में बिजली की व्यवस्था करायी गयी है. करीब 300 किलोमीटर सड़क की मरम्मत करायी गयी है. पाटन को अनुमंडल बनाने के लिए संकल्पित हैं. विधायक ने कहा कि छतरपुर को जिला और सरइडीह, लठैया, पाटन के किशुनपुर व नावाजयपुर को प्रखंड का दर्जा दिलाने के लिए संघर्षरत हैं. विधायक पुष्पा देवी ने कहा विकास का जो काम पिछले 25 वर्षों में नहीं हुआ था, वह पिछले कुछ वर्षों में किया है.
रोजगार की तलाश में पलायन कर रहे लोग : विजय राम
वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे राजद के प्रत्याशी विजय राम ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में क्षेत्र में किसी समस्या का समाधान नहीं हुआ. विधानसभा क्षेत्र की सड़कें बदहाल हैं. चिकित्सा व बिजली व्यवस्था चरमरा गयी है. रोजगार की तलाश में लोग पलायन कर रहे हैं. सिंचाई के क्षेत्र में भी कोई काम नहीं किया गया. किसानों को वर्षा के पानी पर निर्भर रहना पड़ रहा है. अंगरा गांव के लोग फ्लोराइड युक्त पानी पीने को विवश हैं. फ्लोराइड युक्त पानी पीने से लोग विकलांग हो रहे हैं. चुनाव के वक्त पाटन को अनुमंडल बनाने, किशुनपुर, नावाजयपुर, लठेया व सरइडीह को प्रखंड बनाने का वादा किया गया था. लेकिन, पांच वर्षों में विधायक को कभी इसकी याद नहीं आयी. चुनाव का वक्त आ रहा है. विधायक निधि का हिसाब जनता को दना चाहिए.
संभावनाएं तो बहुत थीं, पर काम नहीं किया गया : प्रो अद्यानंद झा
छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में संभावनाएं तो बहुत थीं, लेकिन जनप्रतिनिधियों द्वारा उस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की गयी है. छतरपुर विधानसभा क्षेत्र के लोग इसका दंश झेल रहे हैं. इस क्षेत्र के लिए महत्वाकांक्षी योजना औरंगा परियोजना थी, जिसमें अरबों रुपये खर्च भी हो चुके हैं. इसके बाद भी इस योजना को पूरा कराने की दिशा में जनप्रतिनिधियों द्वारा दिलचस्पी नहीं दिखायी गयी. उन्होंने कहा कि 1952 के बाद से ही क्षेत्र को उपेक्षित रखा गया. यहां रोजगार की अपार संभावनाएं होते हुए भी कोई व्यवस्था नहीं की गयी. लोग रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं. यहां प्रचूर मात्रा में बॉक्साइड है. छोटे-छोटे उद्योग धंधे स्थापित करने के लिए भूमि भी उपलब्ध है. बावजूद इसके जनप्रतिनिधियों द्वारा इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की गयी.
अब तक कौन कौन बने विधायक
साल | विधायक | पार्टी |
1977 | जोरावर राम | जनता पार्टी |
1980 | राधाकृष्ण किशोर | कांग्रेस |
1985 | राधाकृष्ण किशोर | कांग्रेस |
1990 | लक्ष्मण राम | जनता दल |
1995 | राधाकृष्ण किशोर | कांग्रेस |
2000 | मनोज कुमार | राजद |
2005 | राधाकृष्ण किशोर | जदयू |
2009 | श्रीमती सुधा चौधरी | जदयू |
2014 | राधाकृष्ण किशोर | भाजपा |
2019 | श्रीमती पुष्पा देवी | भाजपा |
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