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Purnia news : तनिष्क शोरूम लूटकांड : आइजी ने सदर एसडीपीओ समेत पूरे थाने की भूमिका पर उठाया सवाल

Purnia news : आइजी ने पत्र में लिखा है कि सदर एसडीपीओ की भी भूमिका संदिग्ध है. क्यों न मुख्यालय को इनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के लिए अनुशंसा की जाये ?

Purnia news : तनिष्क ज्वेलरी शोरूम में हुए 3.70 करोड़ के गहने की लूट में अबतक अपेक्षित कार्रवाई नहीं करने को लेकर आइजी शिवदीप लांडे ने कई सवाल खड़े किये हैं.आइजी ने सहायक थाने के थानाध्यक्ष से लेकर सदर एसडीपीओ की जवाबदेही तय करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की बात कही है. इस संबंध में आइजी ने एसपी को पत्र लिखकर शीघ्र प्रतिवेदन भेजने का निर्देश दिया है.आइजी द्वारा लिखे पत्र में कहा गया है कि बीते 26 जुलाई को सहायक थानान्तर्गत तनिष्क ज्वेलरी शोरूम में दिन के करीब 12:00 बजे अज्ञात अपराधियों द्वारा तनिष्क ज्वेलरी के स्टाफ को बंधक बनाकर लूट की घटना को अंजाम दिया गया. इस घटना में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार कुल तीन करोड़ 70 लाख रुपये की ज्वेलरी एवं एक स्टाफ का मोबाइल (दो सिम लगा हुआ) लूट लिया गया था. तनिष्क ज्वेलरी पूर्णिया शहर के बीचो-बीच एवं भीड़-भाड़ वाले इलाके में स्थित है, जहां से दिनदहाड़े अपराधियों द्वारा लूट को अंजाम देना संबंधित थाने के थानाध्यक्ष समेत उक्त थाने के सभी पुलिस पदाधिकारियों एवं कर्मियों की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह है, जबकि थाने में गश्ती के लिए चार पहिया वाहनों के अतिरिक्त मोटरसाइकिल गश्ती की भी सुविधा दी गयी है. पर, घटना के समय आस-पास पुलिस की किसी प्रकार की गश्ती नहीं पायी गयी थी.

अंगूठी की बरामदगी के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति

इसके अलावा घटना के दो माह से अधिक बीत जाने के बावजूद इस लूट की घटना में कार्रवाई के नाम पर अभी तक 12 अभियुक्तों की गिरफ्तारी एवं 02 कट्टा, 04 मोटरसाइकिल बरामद किया गया है. लूटी गयी ज्वेलरी में से अभी तक सिर्फ एक हीरे की अंगूठी की बरामदगी हुई है, जो बरामदगी के नाम पर खानापूर्ति प्रतीत होती है. साथ ही कांड में लूटा गया मोबाइल भी अभी तक बरामद नहीं हुआ है और न ही कांड के मुख्य साजिशकर्ता के विरुद्ध कोई कार्रवाई की गयी है.

सहायक थाने की पूरी टीम की लापरवाही

साथ ही कहा गया है कि इतनी बड़ी घटना घटित होने के बाद इस प्रकार का उदासीन रवैया सहायक खजांची थानाध्यक्ष एवं थाने के सभी पदाधिकारियों एवं कर्मियों के मनमानेपन को दर्शाता है. साथ ही थानाध्यक्ष का अपने क्षेत्र में आसूचना संकलन में भी विफल होना है. थाना क्षेत्र में अपराध नियंत्रण में भी इनकी रुचि नहीं है. इस संबंध में क्यों न सहायक खजांची थानाध्यक्ष एवं थाने में पदस्थापित सभी पुलिस पदाधिकारियों एवं कर्मियों के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की जाये.

सदर एसडीपीओ की भूमिका खेदजनक

आइजी ने पत्र में आगे लिखा है कि तनिष्क ज्वेलरी लूटकांड में सदर एसडीपीओ की भी भूमिका संदिग्ध है. उनके द्वारा भी इस घटना के संबंध में न तो कोई पूर्वाभाष था और न ही अपने पुलिस पदाधिकारियों पर किसी प्रकार का कोई नियंत्रण. साथ ही घटना घटित होने के बाद उनके द्वारा कांड में लूटी गयी ज्वेलरी की बरामदगी में भी कोई रुचि प्रदर्शित नहीं की गयी है, जो खेदजनक है. इनके कार्य के प्रति उदासीनता, नेतृत्व की अक्षमता एवं संदिग्ध आचरण के लिए क्यों न मुख्यालय को इनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के लिए अनुशंसा की जाये ?

पत्र मिलने के बाद की जाएगी उचित कार्रवाई : एसपी

इस मामले में एसपी कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि यह पत्र अभी तक मेरे पास नहीं आया है, आने के बाद उचित कार्रवाई की जायेगी.

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