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करहरिया दुर्गा मंदिर में 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से पड़ेगा पाठा बलि

शनिवार को नवमी का चिराग सुबह सात बजे से साढ़े आठ बजे तक प्रज्वलित कर दिया जायेगा.

बांका . शहर के करहरिया स्थित दुर्गा पूजा समिति ने निर्णय लिया है कि 12 अक्तूबर यानी शनिवार को नवमी का चिराग सुबह सात बजे से साढ़े आठ बजे तक प्रज्वलित कर दिया जायेगा. सभी भक्तजन से अपना चिराग लेकर मंदिर परिसर में उपस्थिति रहने को कहा गया है. नवमी का बलिदान यानी पाठा बलि इसी तिथि को होनी है. सुबह नौ बजे से संकल्प का कार्यक्रम शुरु कर दिया जायेगा. सुबह 10 बजे से पाठा बलि की शुरुआत कर दी जायेगी. यद्यपि, नवमी को ही दशमी पूजा का प्रवेश है. इसीलिए दशमी पूजा का बलिदान भी शनिवार संध्या सात बजे किया जायेगा. रात्रि में भक्तजन अपना चिराग भी वापस घर ले जायेंगे. इसके बाद करीब 11 बजे ही दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन चांदन नदी में कर दिया जायेगा. ज्ञात हो कि करहरिया में दुर्गा पूजा अति प्राचीनकाल से होती आ रही है. यहां प्रतिवर्ष सरकारी पाठा की बलि देने के साथ चिलकोर के भक्तजन के पाठा की दूसरी बलि का प्रथा है. इसके बाद ही अन्य भक्तजन अपने-अपने पाठा की बलि दिलाते हैं. दरअसल, कहा जाता है कि एक समय बांका में भयंकर अकाल आया था. दुर्गा पूजा में कहीं से कोई पाठा देने के लिए नहीं आया था. चूंकि अधिकांश लोग आर्थिक रूप से काफी कमजोर हो गये थे. ऐसे में एक मात्र चिलकौर से पाठा बलि के लिए भक्त आये थे. इसके बाद से चिलकोर से आने वाले भक्तजनों का महत्व अधिक हो गया. परंपरा के अनुसार चिलकौर से आने वाले पाठा की बलि के बाद ही अन्य भक्तों के पाठा की बलि दी जाती है. वहीं रविवार को देवी छटपटो की पूजा चांदन नदी में की गयी. साथ ही कौड़ी लुटाया गया.

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