24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Ramayan: अहिरावण कौन था? हनुमान जी ने अहिरावण का वध कैसे किया? रामायण की रोचक कहानी

Ramayan: हनुमान जी ने अहिरावण का वध कैसे किया? जानिए पाताल लोक के राजा अहिरावण की कहानी, जिसमें हनुमान जी ने अपनी बुद्धि और शक्ति से भगवान राम और लक्ष्मण की रक्षा की. इस प्रेरक कथा से जुड़ी पूरी जानकारी

Ramayan: दोस्तों, जैसे ही रामनवमी और दुर्गा पूजा का त्योहार आता है, रामायण की बातें हमारे मन में ताजा हो जाती हैं. भगवान राम की वीरता और हनुमान जी की भक्ति की कहानियां सुनकर हम हमेशा प्रेरित होते हैं. रामायण के इन्हीं किस्सों में से एक बहुत ही दिलचस्प और रोमांचक कहानी है हनुमान जी द्वारा अहिरावण के वध की. आइए, इस कहानी को सरल भाषा में समझते हैं.

अहिरावण कौन था?

अहिरावण (महिरावण), रावण का ही भाई था और पाताल लोक का राजा था. रामायण के अनुसार, जब राम और रावण के बीच युद्ध हो रहा था, रावण को राम और लक्ष्मण को हराना मुश्किल हो रहा था. तब रावण ने अपने भाई अहिरावण से मदद मांगी. अहिरावण अपनी मायावी शक्तियों से राम और लक्ष्मण को छल से पकड़कर पाताल लोक ले गया.

Also Read: https://www.prabhatkhabar.com/entertainment/jhollywood/fullers-earth-multani-mitti-face-packs-for-glowing-clear-skin

Also Read: https://www.prabhatkhabar.com/life-and-style/almond-oil-almond-oil-natural-skin-beauty-care

अहिरावण की योजना

अहिरावण ने राम और लक्ष्मण को पाताल लोक में बंदी बना लिया और वहां यज्ञ की तैयारी करने लगा. उसका मकसद था कि राम और लक्ष्मण की बलि देकर अमरत्व प्राप्त कर ले. लेकिन भगवान राम के परम भक्त हनुमान जी को इसका आभास हो गया.

हनुमान जी का साहस

हनुमान जी को जब पता चला कि अहिरावण राम और लक्ष्मण को पाताल लोक ले गया है, तो उन्होंने तुरंत वहां पहुंचने की योजना बनाई. हनुमान जी ने अपनी गदा उठाई और पाताल लोक की ओर चल पड़े. लेकिन पाताल लोक में घुसना आसान नहीं था. चारों तरफ पहरेदार खड़े थे. हनुमान जी ने अपनी बुद्धि से उनका ध्यान भटकाया और पाताल लोक में प्रवेश कर लिया.

अहिरावण का वध

हनुमान जी ने पाताल लोक में पहुंचकर देखा कि अहिरावण यज्ञ की तैयारी कर रहा था. राम और लक्ष्मण बंदी बने हुए थे. हनुमान जी ने तुरंत अपनी ताकत और बुद्धि का इस्तेमाल किया. उन्होंने अहिरावण को चुनौती दी और दोनों के बीच भीषण युद्ध हुआ. अहिरावण की माया शक्तियों के आगे हनुमान जी तनिक भी विचलित नहीं हुए. अपनी गदा के प्रहार से हनुमान जी ने अहिरावण का वध कर दिया और राम और लक्ष्मण को मुक्त करवा लिया.

हनुमान जी का अद्भुत बल

हनुमान जी के इस साहसिक कार्य ने यह साबित कर दिया कि वे सिर्फ बलशाली ही नहीं, बल्कि अत्यधिक बुद्धिमान भी थे. उनकी भक्ति और समर्पण भगवान राम के प्रति अडिग थी, और उन्होंने हर विपत्ति में राम और लक्ष्मण की रक्षा की. चाहे वह संजीवनी बूटी लाना हो या फिर अहिरावण का वध करना, हनुमान जी हर बार अपने कर्तव्यों को पूरा करने में सफल रहे.

रावण का वध

जब हनुमान जी ने अहिरावण का वध कर राम और लक्ष्मण को बचा लिया, तो इसके बाद राम और रावण के बीच निर्णायक युद्ध हुआ. इस युद्ध में भगवान राम ने ब्रह्मास्त्र का प्रयोग कर रावण का वध किया और लंका को उसके अत्याचारी शासन से मुक्त कराया.

रामनवमी का महत्व

रामनवमी भगवान राम के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है. इस दिन लोग उपवास रखते हैं, राम कथा सुनते हैं, और भगवान राम की पूजा करते हैं. रामनवमी का त्योहार अच्छाई और बुराई के संघर्ष की याद दिलाता है और हमें यह सिखाता है कि धर्म और सत्य की जीत हमेशा होती है.

हनुमान जी ने अहिरावण का वध कैसे किया?

हनुमान जी ने अपनी बुद्धि और शक्ति का इस्तेमाल करते हुए पाताल लोक में अहिरावण से युद्ध किया. उन्होंने अहिरावण को हराया और राम एवं लक्ष्मण को उसकी बंदी से मुक्त कराया. हनुमान जी की इस वीरता ने साबित किया कि भक्ति और साहस से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें