22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

यहां देवी मां के मस्तक से गिरने वाले फूल के इंतजार में रहते हैं भक्त

नवरात्र में मन्नतों के साथ मंदिर में घंटों खड़े रहते भक्त

नवरात्र में मन्नतों के साथ मंदिर में घंटों खड़े रहते भक्त, फूल गिरने से बंधती है आस

सात सौ साल पुराने बिहार के अकेले कामाख्या मंदिर से जुड़ी है आम लोगों की आस्था

पूर्णिया. जिले में एक ऐसा भी मंदिर है जहां भक्त पूजन अनुष्ठान के बाद देवी मां के मस्तक से गिरने वाले फूल के इंतजार में हाथ जोड़े खड़े रहते हैं. खास तौर पर नवरात्र के दौरान भक्तों की यह आस्था देखने को मिलती है. भक्त मानते हैं कि फूल गिरने से आस बंधती है और मनोकामना पूर्ण होने का विश्वास मजबूत होता है. जी हां, वह मंदिर है कामाख्या स्थान जो जिले के कृत्यानंदनगर प्रखंड के भवानीपुर-मजरा गांव में है. असम के बाद देश का यह दूसरा कामरुप कामाख्या मंदिर माना जाता है. करीब सात सौ साल पुराने इस मंदिर को लेकर यह मान्यता है कि हर मंगलवार को मां कामाख्या यहां विराजमान रहती है और यही कारण है कि यहां मंगलवार को काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच कर देवी मां की पूजा अर्चना करते हैं. प्रचलित कथा के अनुसार यह मंदिर मुगलकालीन है और मंदिर की स्थापना की कहानी दो दिव्य बहनों की कथा से जुड़ी है. यहां प्रतिमा नहीं बल्कि देवी मां की पिंडी स्थापित है और इसे शक्तिपीठ भी माना जाता है. यही वजह है कि लोगों में यह विश्वास है कि यहां मांगी गई मन्नत हर हाल में पूरी होती है. इसके लिए यहां मंगलवार को लोगों की भीड़ जुटती है. असीम आस्था के साथ लोग पूजा करते हैं और पुष्पांजलि अर्पित करते हैं. पुष्पांजलि के बाद वे तब तक खड़े रहते हैं जब तक देवी मां की पिंडी पर अर्पित फूल नहीं गिरता है. आश्चर्य तो यह है कि फूल गिरता है और भक्त उसे अपने माथे से लगाते हुए इस विश्वास के साथ घर लौटते हैं कि देवी मां ने उनके मुरादों की अर्जी स्वीकार कर ली. शारदीय नवरात्र को लेकर इस साल फिर यहां भक्तों की भीड़ जुटने लगी है. फोटो- 8 पूर्णिया 1- कामाख्या मंदिर

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें