22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Shardiya Navratri 2024 Day 7: आज शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि को लगाएं इस चीज का भोग, हर मनोकामना होगी पूरी

Shardiya Navratri Day 7, Maa Kalratri Bhog: नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के कालरात्रि रूप की आराधना की जाती है. शारदीय नवरात्रि के दौरान मां कालरात्रि की पूजा 9 अक्टूबर, बुधवार को की जाएगी. मां दुर्गा के इस स्वरूप को प्रसन्न करने के लिए आप उन्हें गुड़ और गुड़ से निर्मित व्यंजनों का भोग अर्पित कर सकते हैं.

Shardiya Navratri 2024 Day 7, Maa Kalratri Bhog: नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के शक्तिशाली स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. माना जाता है कि मां कालरात्रि काल पर विजय प्राप्त करने वाली देवी हैं, जिनकी पूजा से सभी प्रकार के भय, बाधाएँ और शत्रु नष्ट हो जाते हैं. मां कालरात्रि का यह रूप उनके नाम से ही स्पष्ट है- ‘काल’ का अर्थ है मृत्यु या समय, और ‘रात्रि’ का अर्थ है अंधकार. इस प्रकार, कालरात्रि मृत्यु और अंधकार का नाश करने वाली देवी हैं.

मां कालरात्रि की महिमा और लाभ

मां कालरात्रि की पूजा करने से भक्तों को कई लाभ मिलते हैं. ऐसा माना जाता है कि उनकी कृपा से जीवन में आने वाले हर संकट का समाधान हो जाता है. मां कालरात्रि अपने भक्तों को शत्रुओं से बचाती हैं और उन्हें विजय का आशीर्वाद देती हैं. इस दिन पूजा करने से जीवन में आने वाले सभी संकट और शत्रु नष्ट हो जाते हैं.

मां कालरात्रि की भक्ति से मनुष्य को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक स्तर पर शक्ति मिलती है. कहा जाता है कि उनकी पूजा से मन के सभी प्रकार के भय समाप्त हो जाते हैं, और भक्त निर्भीक होकर अपने जीवन के संघर्षों का सामना कर सकते हैं. इसके अलावा, मां कालरात्रि की आराधना से आध्यात्मिक जागृति होती है, जिससे साधक को मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है.

नवरात्रि के सातवें दिन गुड़ का महत्व

नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि को गुड़ का भोग लगाने की परंपरा विशेष रूप से मानी जाती है. गुड़ को समृद्धि और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि गुड़ का भोग लगाने से मां कालरात्रि प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. गुड़ से बनी मिठाई या किसी अन्य प्रकार का भोग लगाने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है और परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है.

पूजा विधि

मां कालरात्रि की पूजा विधि सरल लेकिन विशेष महत्व रखती है. सबसे पहले पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध किया जाता है. इसके बाद मां कालरात्रि की प्रतिमा या चित्र की स्थापना की जाती है. घी का दीपक जलाकर पूजा की जाती है, जिसमें फूल, चंदन, अक्षत आदि का उपयोग किया जाता है. मां कालरात्रि के विशेष मंत्रों का जाप भी इस पूजा का अनिवार्य हिस्सा होता है.अंत में, गुड़ का भोग लगाकर पूजा पूर्ण की जाती है.

भानु चक्र की साधना

मां कालरात्रि की आराधना के दौरान भक्त को अपने मन को ललाट के मध्य स्थित भानु चक्र पर केंद्रित करना चाहिए. यह चक्र अध्यात्मिक जागृति का स्रोत माना जाता है. भानु चक्र की साधना से मानसिक और आध्यात्मिक ऊर्जा जागृत होती है, जो साधक को आत्मिक बल और शांति प्रदान करती है.

नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा करके भक्त अपने जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति पाते हैं और सुख-समृद्धि का अनुभव करते हैं.मां कालरात्रि की भक्ति से सभी बाधाओं का अंत होता है और भक्तों को विजय प्राप्त होती है

जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें