Bihar Land Survey: समूचे बिहार में 20 अगस्त से भूमि सर्वे का काम चल रहा है. इसमें कई तरह की गडबडियां भी सामने आ रही है. सरकार अपने स्तर से सभी समस्याओं को टैकल करने का प्रयास कर रही है. सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि रैयतों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो. इसी कड़ी में बिहार की नीतीश सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए राज्य के सभी 534 अंचल कार्यालयों में दाखिल-खारिज से जुड़ी परेशानियों और गड़बड़ियों को दूर करने के लिए एक महत्वपूर्ण अभियान चलाने का फैसला किया है. इस अभियान की शुरुआत 15 अक्टूबर से शुरू होगी. इसके तहत अंचल कार्यालयों में रखे गए सभी रजिस्टरों की बारीकी से जांच की जाएगी. इस अभियान के दौरान रजिस्टरों के सभी पन्नों की जांच करके यह तय किया जाएगा कि कोई भी पन्ना फाड़ा या उसमें किसी तरह का हेरफेर तो नहीं किया गया है.
पता चलेगा पूरा सच
15 अक्टूबर से शुरू हो रही इस अभियान में जांच के दौरान अगर को पन्ना खाली या अधूरा पाया जाता है तो उसे लाल कलम से क्रॉस मार्क करके बंद कर दिया जाएगा. सरकार के इस कदम उठाने के पीछे यह मंशा है कि कोई भी कर्मचारी गलत तरीके से उसमें किसी की जमीन की जानकारी दर्ज न कर सके और न ही किसी भी प्रकार की जमीन की जानकारी को गलत इरादे से हेरफेर कर सके.
‘लाल निशान’ अभियान के लिए सरकार ने बनाई स्पेशल टीम
बिहार सरकार की राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इस अभियान को लेकर तैयारी पूरी कर ली है.इस अभियान को धरातल पर लाने के लिए दिशा-निर्देशों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया गया है. इस काम को समय पर पूरा करने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया जाएगा. इसकी निगरानी के लिए जिला स्तर पर भी अधिकारियों की एक टीम बनाई जाएगी. इसके अलावा राज्य स्तर पर इस अभियान पर पैनी नजर रखने के लिए विभाग द्वारा एक अधिकारियों की टीम गठित की जाएगी. अभियान के दौरन किसी भी अंचल कार्यालय के जमाबंदी रजिस्टर में गड़बड़ी या छेड़छाड़ पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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