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Cabinet: पाकिस्तान से लगती सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को मिलेगी गति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में पाकिस्तान सीमा से लगते पंजाब और राजस्थान के क्षेत्र में सड़क व्यवस्था को बेहतर करने को मंजूरी दी है. फैसले के लिए 2280 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जायेगा और इसपर 4400 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.

Cabinet: चीन और पाकिस्तान के खतरे को देखते हुए सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को प्राथमिकता दे रही है. चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास सटे गांवों के विकास के लिए सरकार वाइब्रेंट विलेज योजना पर काम कर रही है. इस योजना का मकसद सीमावर्ती गांवों में सड़क, बिजली, पानी, टेलीकॉम सुविधा के अलावा अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना है. इसके अलावा सैन्य बलों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए कई सड़क, पुल और टनल का निर्माण किया गया है.

अब सरकार पाकिस्तान से लगती राजस्थान और पंजाब सीमा पर सड़क निर्माण को मंजूरी दी है. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में पाकिस्तान सीमा से लगते पंजाब और राजस्थान के क्षेत्र में सड़क व्यवस्था को बेहतर करने को मंजूरी दी गयी, जिसमें  2280 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जायेगा और इसपर 4400 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. गौरतलब है कि मोदी सरकार सीमा क्षेत्रों के विकास के साथ ही सेना को आधुनिक बनाने पर भी विशेष जोर दे रही है. 

सेना की आवाजाही होगी आसान


पाकिस्तान सीमा से लगे क्षेत्र में ऑल वेदर रोड नेटवर्क की कमी दशकों से रही है. ऐसे में सरकार के फैसले से सीमावर्ती इलाकों में वर्ल्‍ड क्‍लास रोड नेटवर्क बनेगा और इससे सेना की आवाजाही आसान होगी. बेहतर सड़क होने से आपात स्थिति में सामानों की सप्लाई भी कम समय में हो सकेगी.  भारत की पश्चिमी सीमा पाकिस्तान से लगती है. सरकार का मानना है कि रोड कनेक्टिविटी बेहतर होने से ग्रामीण क्षेत्रों का विकास होगा और इससे सीमावर्ती इलाके के गावों में पानी, बिजली, स्वास्थ्य और अन्य बुनियादी सुविधा की उपलब्धता सुनिश्चित होगी.

साथ ही इससे आम लोगों को आवाजाही में आसानी होगी और यह सड़क राष्ट्रीय रोड नेटवर्क से भी जुड़ जायेगा. सरकार की कोशिश देश के अन्य गांवों की तरह सीमावर्ती गांवों में भी बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराना है. इससे राजस्थान और पंजाब के सीमावर्ती गांवों का विकास होने के साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा के मोर्चे पर भारत की स्थिति मजबूत होगी. पिछले 10 साल में केंद्र सरकार ने सीमा क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को प्राथमिकता दी है. चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तेजी से इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास कर रहा है इसे देखते हुए भारत सरकार को भी सीमावर्ती इलाकों में अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को और अधिक मजबूत बनाने की जरूरत है.

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