Samastipur News: A workshop on “Mental Health at the Workplace ” was organized in the seminar hall of the college under the joint auspices of IQAC and Psychology Department at RNAR College of the city.शहर के आरएनएआर काॅलेज स्थित आईक्यूएसी तथा मनोविज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में महाविद्यालय के सेमीनार हॉल में ””””कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य”””” विषयक कार्यशला का अयोजन किया गया.
Samastipur News: समस्तीपुर : शहर के आरएनएआर काॅलेज स्थित आईक्यूएसी तथा मनोविज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में महाविद्यालय के सेमीनार हॉल में ””””कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य”””” विषयक कार्यशला का अयोजन किया गया. इसे संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य प्रो सुरेंद्र प्रसाद ने बताया कि कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी ज्यादातर समस्याओं को समय प्रबंधन, सकारात्मक सोच, संतुलित आहार और योग व्यायाम के द्वार प्रबंधित किया जा सकता है. डॉ संजय कुमार महतो ने अपने निजी अनुभवों को साझा करते हुए बतलाया कि उन्होंने किस तरह की युक्तियों का इस्तेमाल करते हुए अपने कार्यस्थल से जुड़े दबावों का सामना किया. चंद्रशेखर सिंह ने वैज्ञानिक तरीके से मानसिक स्वास्थ्य के बायोलॉजिकल पक्षों तथा मानसिक स्वास्थ्य देखभाल के व्यवहारिक उपायों पर रोचक तरीके से चर्चा की. डॉ दीपक कुमार नायर ने कहा कि कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित मामलों में संस्थान तथा सहकर्मियों के द्वारा सामूहिक रूप से प्रयास करने की जरूरत है. डॉ अर्चना कुमारी और डॉ वीरेंद्र कुमार दत्ता ने मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा किया और कार्यस्थल पर आने वाली समस्याओं की तरफ भी ध्यान आकृष्ट किया तथा मानसिक समस्यों से निबटने के आध्यात्मिक और साहित्यिक विचाओं की चर्चा की.Samastipur News: Treat mental health issues at work with time management अपने अनुभवों से कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मुकाबले के कई आध्यात्मिक तथा व्यवहारिक उपायों की चर्चा की.
उर्दू विभाग के विभागाध्यक्ष मोहम्मद जियाउल हक ने अपने अनुभवों से कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मुकाबले के कई आध्यात्मिक तथा व्यवहारिक उपायों की चर्चा की. दर्शन शास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ प्रेमलता शर्मा ने बताया कि कार्यस्थल पर सहयोग पूर्ण तथा व्यवस्थित तरीके से कार्य करने से मानसिक स्वास्थ्य की बेहतर तरीके देखभाल की जा सकती है. शिक्षिका डॉ स्मिता कुमारी ने बताया कि समय प्रबंधन, सामाजिक तथा पारिवारिक संबंधों को मजबूत करके मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निबटा जा सकता है. मैथिली विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ रत्न कृष्ण झा ने बताया कि काम के दबाव को व्यवहार में बदलाव लाकर निबटा जा सकता है. इसे डॉ प्रतिमा प्रियदर्शनी,गंगेश कुमार झा, डॉ रविन्द्र कुमार, डॉ किशलय कलश, डॉ निकेन्द्र कुमार, डॉ जय चंद्र झा तथा कई शिक्षेकेतर कर्मियों ने भी अपने अनुभव साझा किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है