संवाददाता, पटना पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने 473 जैव विविधता प्रबंधन समितियों के अविलंब गठन का निर्देश दिया है. इन समितियों का गठन लंबित था. साथ ही जैव विविधता प्रबंधन समितियों की 38 जिलों में अनुमंडल स्तर पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला समय पर संपन्न कराने निर्देश दिया है. मंत्री डॉ प्रेम कुमार बुधवार को अरण्य भवन स्थित कार्यालय कक्ष में बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद् से संबंधित विषयों की समीक्षा कर रहे थे. समीक्षा बैठक में जैव विविधता विरासत वृक्षों की घोषणा का कार्यक्रम अंतर्गत प्रथम चरण में 1500 चिह्नित: वृक्षों में से चार जिलों में पांच प्रजातियों के 40 वृक्षों को ‘जैव विविधता विरासत वृक्ष’घोषित कराने का प्रस्ताव तैयार करने का निर्णय हुआ. इसे दिसंबर, 2024 में ‘जैव विविधता विरासत वृक्ष’ की घोषणा पुस्तिका के साथ प्रकाशित कराया जायेगा. राज्य के चार जिलों में मुंगेर, भागलपुर, जमुई और बक्सर शामिल हैं. यहां आठ प्रजातियों में पीपल, पाकड़, बरगद, नीम, कनकचम्पा, इमली, सेमल और महुआ के 40 वृक्ष शामिल हैं. इसके साथ ही जैव विविधता संबंधी शोध, अध्ययन, इत्यादि के सम्बन्ध में राज्य के विभिन्न अनुसंधान केन्द्रों, प्रबंधन संस्थानों एवं संबंध विभागों से प्रस्ताव की मांग की गयी है. ये रहे मौजूद बैठक में अध्यक्ष बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद पटना, अध्यक्ष बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद् पटना, सचिव बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद पटना, संयुक्त निदेशक बिहार राज्य जैव विविद्यता पर्षद पटना, उपनिदेशक बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद, पटना शामिल हुए.
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