– स्वास्थ्य विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में हुआ निर्णय, अभी 20 एफआरयू क्रियाशील होंगी संवाददाता, पटना गुणवत्तापूर्ण प्रसव सेवा के लिए राज्य में क्रियाशील रेफरल इकाई (एफआरयू) बढ़ाकर 150 की जायेगी. उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में इसकी संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. अभी 20 एफआरयू को क्रियाशील किया जायेगा. राज्य में कुल 216 एफआरयू चिह्लित हैं. इनमें 69 एफआरयू अभी क्रियाशील हैं. राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (मातृ स्वास्थ्य) डॉ सरिता ने बताया कि राज्य में जल्द ही 20 एफआरयू को क्रियाशील किया जा रहा है. एफआरयू के लिए प्रकाशित गाइडलाइन के अनुसार, प्रत्येक एक लाख में से 490 गर्भवती महिलाओं की मौत गर्भकाल और बच्चे को जन्म देते समय हो जाती है. इन मौतों में दवाओं की कमी, ऑपरेशन थियेटर या प्रसव कक्ष, ब्लड बैंक की उपलब्धता और स्किल कर्मियों की अनुपलब्धता प्रमुख वजहों में शामिल हैं. पटना एम्स में एडिशनल प्रोफेसर सह स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ इंदिरा प्रसाद ने कहा कि जटिल प्रसव से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में इजाफा होता है. इसमें कमी लाने के लिए रेफरल सेवाओं का सुदृढ़ीकरण जरूरी है. एफआरयू में ये सुविधाएं मिलेंगी 20 से 30 बेड होंगे. आपातकालीन प्रसव सेवा (सिजेरियन सहित), न्यू बोर्न केयर यूनिट, पूरी तरह से संचालित लेबर रूम, क्रियाशील लेबोरेटरी सभी जरूरी जांच के साथ होगी. इसके साथ ही ब्लड स्टोरेज फैसिलिटी 24 घंटे पानी की व्यवस्था होगी. बायो वेस्ट के डिस्पोजल, बिजली, एंबुलेंस और टेलीफोन सेवा उपलब्ध होंगे.
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