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डुमरिया दुर्गा मंदिर में 71 वर्षों से हो रही माता की पूजा

शहर के वार्ड संख्या 30 स्थित डुमरिया दुर्गा मंदिर का इतिहास 71 वर्ष पुराना है. जानकार बताते हैं कि यहां वर्ष 1953 से मंदिर में मां दुर्गा की पूजा शुरू की गई थी.

किशनगंज.शहर के वार्ड संख्या 30 स्थित डुमरिया दुर्गा मंदिर का इतिहास 71 वर्ष पुराना है. जानकार बताते हैं कि यहां वर्ष 1953 से मंदिर में मां दुर्गा की पूजा शुरू की गई थी. अमर नाथ सिन्हा उर्फ गणेश ने बताया कि डुमरिया के रहने वाले स्वर्गीय विभूति भूषण सिन्हा पूजा के पहले अध्यक्ष बने थे. इसके बाद स्वर्गीय हिरेन्द्र नाथ सिंह, अभिमन्यु पाल, चन्द्र नाथ राय, डॉक्टर गनिन्द्र नाथ राय, अमरनाथ राय, रमणी मोहन दास, गादल बर्मन और बाद में स्वर्गीय दिनेन्द्र नाथ सिंह पूजा में सहयोग करते थे. बाद में माता के अन्य स्वरूपों की पूजा होने लगी. इस बार उत्तराखंड के रेणुकूट की कलाकृति पंडाल में देखने को मिलेगी. कमिटी के सचिव बबन कुमार ने बताया कि धीरे-धीरे के लोगों के सहयोग से पूजा होने लगी. बाद में यहां समाज के लोगों के सहयोग से पक्के के मंदिर का निर्माण हुआ. इसके बाद पक्के के मंदिर में पूजा होने लगी. अध्यक्ष उत्तम सिंह व सचिव बबन कुमार ने बताया कि सबसे पहले गर्ल्स हाई स्कूल परिसर में पूजा शुरू हुई थी. सचिव ने कहा कि यहां एक ही पुरोहित के वंशज के द्वारा मां दुर्गा की पूजा की जा रही है. पहले स्वर्गीय प्रहलाद मुखर्जी के द्वारा मां दुर्गा की पूजा की जाती थी।पहले निताई पाल प्रतिमा बनाते थे. मंदिर में नवमी के दिन महिलाओं के द्वारा खोईचा भरने का रिवाज वर्षों से चला आ रहा है. कहते हैं इस रिवाज को यहां के लोगों के पूर्वज करते आ रहे हैं. साथ ही यहां मिट्टी के बर्त्तन में प्रसाद चढ़ाने कारिवाज है. प्रसाद वितरण भी मिट्टी के बर्तन में ही किया जाता है. कमिटी में अध्यक्ष उत्तम सिंह, राम पुकार,सचिव बबन कुमार, सागर बोसाक, कोषाध्यक्ष ललन,संदीप, नोटन राय,प्रीतम डीजे,रामकृष्ण,मुकेश, शुभंकर शामिल है.

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