Bihar: वैसे मामलों में जहां पति-पत्नी दोनों पुरानी पेंशन योजना के तहत काम करते थे, उनकी मृत्यु के बाद संतान को दोहरी पेंशन की ऊपरी सीमा तय कर दी गयी है. पुरानी पेंशन के तहत आने वाले माता-पिता की संतान जो दिव्यांग है, उसे पेंशन के रूप में उच्चतर वेतन का 50 और 30% ही मिलेगा. केंद्र की तर्ज पर राज्य सरकार ने भी यह सीमा तय की है. वित्त विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है.
बदलाव की वजह
दरअसल, वैसे मामलों में जहां माता-पिता दोनों सरकारी कर्मी थे और पारिवारिक पेंशन योजना 1964 के तहत आते थे, उनकी मृत्यु के बाद पात्र संतान को दोहरा पारिवारिक पेंशन की सुविधा दी की गयी थी, जो 150 रुपये प्रतिमाह ही थी. यह राशि वेतन पुनरीक्षण के दौरान अपडेट नहीं होने से आज की तिथि में अव्यवहारिक हो गयी थी. ऐसे मे ऊपरी सीमा को अपडेट करने की जरुरत महसूस की जा रही थी. केंद्र की पेंशन नियमावली, 2021 के नियम पति और पत्नी दोनों के सरकारी सेवक होने की स्थिति में दोहरा पारिवारिक पेंशन के लिए ऊपरी सीमा तय की गयी है, जो सामान्य पारिवारिक पेंशन की स्थिति मे 1,25,000 और 75,000 प्रतिमाह है. यानी ऊपरी सीमा उच्चतम वेतन का 50 व 30% तय है.
कुछ शर्त भी
विभाग भाग की ओर से जारी अधिसूचना में दोहरा पारिवारिक पेंशन के लिए कुछ शर्त भी जोड़ी गयी है. इसमें दिव्यांग संतानो की दिव्यांगता संबंधित पेंशनर व उनके जीवन साथी के जीवन काल में रहना या घटित होना आवश्यक है. दिव्यांग संतान विवाह के बाद भी अन्य शर्त के अधीन पारिवारिक पेंशन के पात्र होंगे.
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