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हेमंत सोरेन के मंत्री ने विजयादशमी पर गुड़ाझोर को दी पुल की सौगात, महिलाएं बोलीं- नहीं मिला ‘मंईयां सम्मान’

East Singhbhum News: विजयदशमी के दिन हेमंत सोरेन के मंत्री रामदास सोरेन ने पुल का शिलान्यास किया. मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के तहत 1.62 करोड़ रुपए से पुल का निर्माण होगा.

East Singhbhum News|घाटशिला (पूर्वी सिंहभूम), मो परवेज : पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला प्रखंड स्थित नक्सल प्रभावित बाघुड़िया पंचायत के गुड़ाझोर‌ गांव को विजयादशमी के दिन झारखंड के जल संसाधन तथा उच्च तकनीकी शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने पुल की सौगात दी है.

बरसों से पुल की मांग कर रहे थे गुड़ाझोर के ग्रामीण

गुड़ाझोर के पास पहाड़ से निकले निशि झरना पर बरसों से पुल निर्माण की मांग ग्रामीण कर रहे थे. आखिरकार विजयदशमी के दिन हेमंत सोरेन सरकार के मंत्री रामदास सोरेन ने उस पुल का शिलान्यास किया. मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के तहत 1.62 करोड़ रुपए की लागत से इस पुल का निर्माण होगा.

ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल करवाएगा पुल का निर्माण

ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल इस पुल का निर्माण करवाएगा. सुजीत कुमार को इस पुल का ठेका मिला है. शनिवार को मंत्री अपने समर्थकों के साथ बीहड़ गांव में पहुंचे और पुल निर्माण का शिलान्यास किया. मौके पर ग्राम प्रधान रामचंद्र सिंह के साथ अनेक ग्रामीण और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकर्ता उपस्थित थे.

निशि झरना से निकले नाला का मंत्री रामदास सोरेन ने किया निरीक्षण

मौके पर मंत्री ने निशि झरना से निकले नाला का निरीक्षण भी किया. मंत्री ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया के पुल के साथ वे अपने कोष से यहां करीब 2 किलोमीटर लंबी सड़क का भी निर्माण कराएंगे. पुल नहीं रहने की वजह से बरसात में इस गांव के लोग मुख्यधारा से कट जाते थे. पुल के शिलान्यास से ग्रामीणों में खुशी की लहर है.

Ramdas Soren With Women In East Singhbhum
झारखंड के मंत्री रामदास सोरेन ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं. फोटो : प्रभात खबर

महिलाएं बोलीं- नहीं मिलता मंईयां सम्मान का पैसा

मौके पर मंत्री रामदास सोरेन ने गुड़ाझोर के ग्रामीणों की समस्या भी सुनी. यहां कई महिलाओं ने उन्हें बताया कि उनका राशन कार्ड नहीं बना है. राशन कार्ड नहीं होने की वजह से वे सभी मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की राशि से वंचित हैं. एक विधवा महिला ने गुहार लगाई की पति की मौत के बाद उन्हें विधवा पेंशन नहीं मिलती. मंत्री ने वहीं से फोन पर बीडीओ से जानकारी ली और कहा कि जल्द ही उनकी समस्या का निदान हो जाएगा.

निशि झरना से निकला नाला है सिंचाई का प्रमुख स्रोत

गुड़ाझोर गांव से सटे पहाड़ से निकला निशि झरना का पानी नाला की तरह गांव से होते हुए बह रहा है. झरना का पानी सिंचाई का प्रमुख स्रोत बन गया है. नाला कच्चा होने के कारण बरसात में मिट्टी और कचरा भरा जाता है, जिससे ग्रामीणों को परेशानी होती है.

Ramdas Soren With Villagers
निशि नाला बन गया है सिंचाई का प्रमुख स्रोत. फोटो : प्रभात खबर

नाले के पानी से धान की हुई बेहतर खेती

इसी नाला के पानी से इस बार यहां बेहतर धान की खेती हुई है. इसका निरीक्षण भी मंत्री ने किया. ग्रामीणों की मांग पर उन्होंने कहा कि इस नाला को पक्का करवा देंगे, ताकि मिट्टी और कचरा न भर पाए. उन्होंने कहा कि इसके बाद ग्रामीण इस झरने के पानी का उपयोग सिंचाई के लिए बड़े पैमाने पर कर सकेंगे.

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