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UN में इजरायल के खिलाफ खड़ा हुआ भारत, लेबनान में सैनिकों को भेजा, जानिए क्यों?

Israel News: यूनिफिल बल में 10,000 से अधिक शांति सैनिक शामिल हैं, जो कई देशों से आते हैं. भारतीय सैनिकों की संख्या इसमें दूसरी सबसे अधिक है.

Israel News: इजरायल-लेबनान सीमा पर बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर चिंता व्यक्त करने के एक दिन बाद, भारत शनिवार को लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) में अपनी सेना का योगदान देने वाले देशों में शामिल हो गया. साथ ही, भारत ने इजरायली सेना की कार्रवाई के खिलाफ अपना रुख स्पष्ट किया. लेबनान में संयुक्त राष्ट्र के दो शांति सैनिक घायल होने की भी जानकारी सामने आई है.

संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में भारत के स्थायी मिशन (Permanent Mission of India) ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “भारत, जो एक प्रमुख सैन्य योगदानकर्ता देश है, 34 यूएनआईएफआईएल सैन्य योगदानकर्ता देशों (34 UNIFIL troop contributing countries) द्वारा जारी संयुक्त बयान के साथ पूरी तरह से खड़ा है. शांति सैनिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है, और इसे मौजूदा यूएनएससी प्रस्तावों के तहत सुनिश्चित किया जाना चाहिए.”

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इजरायली सेना ने शुक्रवार को जानकारी दी कि दक्षिण लेबनान के नकौरा में उनके वॉचटावर के पास एक इजरायली हमले में श्रीलंका के दो संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक घायल हो गए. यह 48 घंटों के भीतर दूसरी बार है जब इस क्षेत्र में शांति सैनिकों के मुख्य बेस पर विस्फोट हुए. यूनिफिल बल ने इस घटना को गंभीर बताया और कहा कि संयुक्त राष्ट्र कर्मियों और संपत्ति की सुरक्षा की गारंटी दी जानी चाहिए.

यूनिफिल बल में 10,000 से अधिक शांति सैनिक शामिल हैं, जो कई देशों से आते हैं. भारतीय सैनिकों की संख्या इसमें दूसरी सबसे अधिक है, जिसमें करीब 900 सैनिक सेवा दे रहे हैं. यह घटनाक्रम इजरायल द्वारा संयुक्त राष्ट्र बलों को निशाना बनाए जाने पर भारत की चिंता को भी उजागर करता है. पिछले एक साल में, हमास और हिजबुल्लाह के खिलाफ इजरायल की कार्रवाइयों पर भारत ने संतुलन बनाए रखा था, लेकिन अब भारत ने इजरायल के खिलाफ कड़ा रुख अपना लिया है.

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शुक्रवार को भारत ने दक्षिणी लेबनान में बढ़ते संघर्ष और उसमें फंसे संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता जाहिर की. भारतीय विदेश मंत्रालय (Indian Foreign Ministry) ने कहा, “हम ब्लू लाइन पर बिगड़ती सुरक्षा स्थिति से चिंतित हैं और स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं.” ब्लू लाइन, संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त वह सीमांकन रेखा है जो दक्षिणी लेबनान से इजरायली सेना की वापसी को दर्शाती है, लेकिन यह आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय सीमा नहीं है.

भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा, “सभी को संयुक्त राष्ट्र परिसरों की अखंडता का सम्मान करना चाहिए और शांति सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए.” इजरायली सैन्य कार्रवाइयों का बचाव करते हुए भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने शुक्रवार को कहा कि हिजबुल्लाह शांति सैनिकों को ढाल के रूप में इस्तेमाल कर, यूनिफिल चौकियों के पास से इजरायल पर गोलीबारी कर रहा है. उन्होंने कहा कि इजरायल शांति सैनिकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाता रहेगा और सभी जिम्मेदार देशों के साथ समन्वय करेगा.

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